नई दिल्ली (द न्यूज़ 15)| मध्यप्रदेश में पंचायतों के चुनाव की अवधि लम्बे समय तक टलती नज़र आ रही है क्योंकि अब एक बार फिर पंचायतों का परिसीमन होगा। इस संबंध में अध्यादेश जारी कर दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारियों से पता चला है की मध्यप्रदेश के राज्यपाल द्वारा गुरूवार को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2021 पर मुहर लगा दी है। इस अध्यादेश के द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में एक नयी धारा 10 जोड़ी गई है। इसके द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि यदि पंचायतों के कार्यकाल के समाप्ति के पूर्व किए गए पंचायतों अथवा उनके वाडरें अथवा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन अथवा विभाजन के प्रकाशन की तारीख से अठारह माह के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी कारण से निर्वाचन की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है तो ऐसा परिसीमन अथवा विभाजन अठारह माह की अवधि की समाप्ति पर निरस्त समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में इन पंचायतों और इनके वाडरें और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन अथवा विभाजन नये सिरे से किया जाएगा।
प्रदेश में वर्ष 2020 के पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के लिए सितम्बर 2019 में परिसीमन की कार्यवाही की गई थी, जो इस अध्यादेश के कारन निरस्त हो गई है। अब पंचायतों और उनके वाडरें तथा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और विभाजन की कार्यवाही पुन: की जाएगी, जिसके आधार पर निर्वाचन की लंबित प्रक्रिया चलेगी।
राज्य में 4 दिसंबर को पंचायत निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की गई थी उसके बाद मामला उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा। न्यायालय के निदेशरें के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित क्षेत्रों में चुनाव न कराते हुए अन्य स्थानों पर चुनाव कराने का फैसला लिया, मगर मतगणना के बाद चुनाव घोषित करने पर रोक लगा दी थी। इसी दौरान विधानसभा में बगैर ओबीसी के आरक्षण के चुनाव न कराने का संकल्प भी पारित किया गया था। राज्य सरकार ने चुनाव स्थगित करने का कैबिनेट में प्रस्ताव भी पारित किया था। राज्य निर्वाचन आयोग ने विधि विशेषज्ञों की सलाह के बाद चुनाव निरस्त करने का ऐलान पूर्व में ही कर दिया था।