ऐसे में भी कोई सरकार के खिलाफ न बोले ?

चरण सिंह

अब बात इतना काला धन लाने की नहीं रही कि प्रत्येक भारतीय के खाते में 15 लाख रुपए आ जाएंगे। अब बात किसानों की आय दोगुनी करने की भी नहीं हो रही है। अब बिना जानकारी दिए घरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी खत्म करने की भी नहीं हो रही है। अब तो बात देश की सुरक्षा की आ गई है। यदि वास्तव में ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह कहा है कि पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को तबाह करने से पहले उन्होंने पाकिस्तान को खबर दे दी थी कि उनका हमला नागरिकों पर नहीं बल्कि आतंकियों पर होगा। तो तो निश्चित रूप से अपराध की श्रेणी में आता है।
क्या दुश्मन देश को जानकारी देकर हमला करता है ? यदि ऐसा हुआ है तो क्या पाकिस्तान ने आतंकियों को सचेत नहीं कर दिया होगा ? और भारत को नुकसान पहुंचने का प्रयास नहीं किया होगा ? क्या इस तरह की बातें बचकाना और गैर जिम्मेदाराना नहीं हैं। क्या हम 1965 के युद्ध में ऐसी ही ढुलमुल नीति अपना रहे थे ? क्या हमने तब पाकिस्तान को धुल नहीं चटाई थी ? हमने 1971 में पाकिस्तान के 92 हजार सैनिकों को बंदी नहीं बनाया था ? क्या पाकिस्तान की जमीन नहीं कब्जाई थी ? हमें इस बात पर गर्व है कि हमारी सेना तो दुनिया की नंबर एक सेना है। फिर सरकार कौन सा दबाव मान रही है ? देश में ऐसा तो कभी नहीं हुआ कि युद्ध विराम की जानकारी किसी तीसरे देश ने दी हो ? ऐसा भी नहीं हुआ है कि अमेरिका हम पर हावी हो। डोनाल्ड ट्रंप लगातार केंद्र सरकार को अपमानित कर रहे हैं।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीजफायर की जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी है। ट्रंप  कहा कि उन्होंने व्यापार रोकने का डर दिखाकर सीजफायर किया है। सऊदी अरब में भी उन्होंने यह बात दोहराई। ट्रंप ने पाक के परमाणु बम का हवाला भी उन्होंने दिया। एप्पल के सीईओ टिम कुक को भारत में आईफोन की फैक्ट्री न लगाने का दबाव भी डाला। अब लगभग चार करोड़ के आम को ख़राब बता दिया। आखिर डोनाल्ड ट्रंप की तानाशाही पर चुप क्यों हैं ?
आखिर जब डोनाल्ड ट्रंप ने पहले कार्यकाल में हाउदी मोदी कार्यक्रम कराया। हमारे प्रधानमंत्री ने अमेरिका में जाकर अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा लगाया। अहमदाबाद में 100 करोड़ का नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम कराया। तो फिर प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रंप के इतना बोलने पर चुप क्यों हैं ? बीजेपी और उसके समर्थकों का एक तकियाकलाम हो गया है कि यदि कोई सरकार का विरोध करे तो उसे देशद्रोही कहना शुरू कर दिया जाता है।
पाकिस्तानी से जोड़ दिया जाता है। मतलब यह सरकार कुछ भी करे पर कोई कुछ बोले नहीं। अरे भाई युद्ध तो कोई भी नहीं चाहता है पर क्या गारंटी है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देगा ? हमारे प्रधानमंत्री देशभर में घूम घूम कर संबंध सुधारने की बात कर करते रहें। बीजेपी के समर्थक पीएम मोदी के दुनिया में भारत का डंका बजाने की बात करते रहें। भूखे नंगे देश को दुनिया में हमसे अधिक तवज्जो मिलने लगे। युद्ध के समय हमसे अधिक देश पाकिस्तान के साथ खड़े हो जाएं। अमेरिका हम पर दादागिरी दिखाने लगे तो क्या फिर भी चुप बैठे रहें ?

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