गंगा एक्सप्रेसवे अब बिजनौर विदुर कुटी से होकर निकलेगा – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश)
पवन कुमार
बिजनौर – गंगा एक्सप्रेसवे जो मेरठ बुलंदशहर (N,H- 334)पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज (N,H – 19) जुड़ापुर दादू गांव के समीप खत्म होना है। जो लगभग 12 बड़े जिलों एवं सैकड़ो गांव से होकर निकला है, इस एक्सप्रेसवे की मेरठ से प्रयागराज की दूरी 594 किलोमीटर है।
बिजनौर वासियों ने एक होकर उठाई आवाज – 2 वर्ष पूर्व बिजनौर में हुए एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि गंगा एक्सप्रेसवे महात्मा विदुर की धरती जनपद बिजनौर से होकर निकलेगा बिजनौर में इससे पहले से ही गंगा एक्सप्रेसवे की मांग हो रही थी, लेकिन हाल ही में कैबिनेट की बैठक में मुजफ्फरनगर से हरिद्वार जाने का प्रस्ताव पारित हुआ और बजट के लिए 50 करोड रुपए भी जारी कर दिए गए।
एक ही मांग को लेकर एक हुए राजनीतिक, अराजनीतिक, पक्ष, विपक्ष – यह खबर सुनते ही बिजनौर में खलबली बच गई और पहली बार राजनीतिक, अराजनीतिक, पक्ष, विपक्ष, एवं सभी सामाजिक संगठनों ने एक ही मांग को लेकर एक होकर एक ही सुर में गंगा एक्सप्रेसवे को बिजनौर से निकालने की मांग की, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन जिले भर में दिए गए, और विधान परिषद में एमएलसी अशोक कटारिया द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने मुख्यमंत्री को उनका वादा याद दिलाते हुए बिजनौर एक्सप्रेसवे को महात्मा विदुर की धरती बिजनौर से जोड़ने की मांग की और कहा गंगा सबसे अधिक क्षेत्रफल में 125 किलोमीटर बिजनौर से होकर निकलती है इसीलिए गंगा एक्सप्रेसवे को बिजनौर से जोड़ना जरूरी है,परिणाम स्वरुप योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने अपना वादा याद करते हुए गंगा एक्सप्रेसवे को महात्मा विदुर की धरती विदुर कुटी से होकर निकलने की बात कही।
गंगा एक्सप्रेसवे भारत के उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन 1047 किलोमीटर (651मील) लंबा है, जो दो चरणों में तैयार होना है, जिसमें 594 किलोमीटर (369मील) की मंजूरी हो गई है यह 6- लेन (आगे चलकर 8- लेन तक चौड़ा किया जा सकता है) मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किलोमीटर लंबे 6 – लेन गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण अदानी समूह अडानी एंटरप्राइजेज और आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर कर रहा है, इस एक्सप्रेसवे में दो विदेशी सहित 11 कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई और तीन कंपनियों ने बोली लगाई जिसमें अडानी एंटरप्राइजेज और आई आर बी इन्फ्रास्ट्रक्चर दो का ही चयन हुआ। यह उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी। 11 अप्रैल 2022 को बिनावर (बदायूं) में अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा निर्माण कार्य शुरू किया गया, गंगा एक्सप्रेसवे, लखनऊ- आगरा एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को जोड़कर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा इस एक्सप्रेसवे के बनने से प्रयागराज और दिल्ली के बीच यात्रा की समय सीमा कम होगी। इस एक्सप्रेसवे पर 28 ब्रिज और दो मुख्य टोल बनाए गए हैं।
भारत में सबसे पहले एक्सप्रेस वे बनाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने बड़ा बजट पारित कराया था इसके निर्माण में करीब 1630 करोड रुपए की लागत आई थी 94.5 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे नवी मुंबई कमल बोली इलाके से शुरू होता है और पुणे के किवाले में खत्म होता है।
हाईवे और एक्सप्रेसवे में क्या अंतर है – एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां हाईवे के कंपैरिजन में बहुत तेजी से दौड़ती है एक्सप्रेस वे अधिक ऊंचाई पर बनाए जाते हैं, हाईवे पर दो से चार लेन होती है, जबकि एक्सप्रेसवे 6 से 8 लेन होती है, एक्सप्रेसवे तेज रफ्तार वाली गाड़ियों के लिए बनाए जाते हैं एक्सप्रेसवे पर दो पहिया वाहन चलाना तो दूर खड़ा करने पर भी₹20000 तक का भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।
गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य दिसंबर 2024 तक 92% भौगोलिक और 98% स्ट्रक्चर कार्य पूरा हुआ हो गया है।