त्रिमूर्ति शिव जयन्ती महोत्सव हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया

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दलसिंहसराय: आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के वीआईपी कॉलोनी स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र द्वारा थाना रोड स्थित बालमुकुंद पूरणमल की गद्दी में 89 वां त्रिमूर्ति शिव जयन्ती महोत्सव हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया।

कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन द्वारा उद्घाटन शहर के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ० ए. के. राय, समस्तीपुर से पधारे कृष्ण भाई जी, सविता बहन, पगड़ा मुखिया नवल पासवान, पांड़ मुखिया सुनीता देवी, प्रमुख व्यवसायी सुशील कुमार चमड़िया एवं ज्योति अग्रवाल ने सामूहिक रूप से किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समस्तीपुर से पधारे बीके कृष्ण भाई जी ने कहा कि शिवजयंती का त्योहार सर्व पर्वों में महानतम त्योहार है। यह पर्व निराकार परमपिता परमात्मा शिव के इस धरा धाम पर दिव्य अवतरण का यादगार पर्व है। शिवरात्रि शब्द में रात्रि शब्द अज्ञानता की घनघोर रात्रि का द्योतक है। जिसके लिए गायन है- ज्ञान सूर्य प्रगटा, अज्ञान अंधेर विनाश। ज्ञान सूर्य परमपिता परमात्मा शिव के अवतरण के साथ काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार- इन पांचों विकारों रूपी अंधकार का खात्मा होता जाता है और ज्ञान प्रकाश से जीवन में शान्ति, प्रेम, खुशी, आनंद और शक्ति का प्रादुर्भाव होने लगता है। यह धरा फिर से स्वर्ग बन जाती है। अभी वह परिवर्तन काल चल रहा है, जब हम स्वयं का परिवर्तन कर विश्व परिवर्तन के कार्य में परमात्मा के मददगार बन सकते हैं। उन्होंने कहा याद रहे- अभी नहीं, तो कभी नहीं।

बीके सविता ‌बहन ने अपने संबोधन में कहा कि शिवलिंग पर अक, धतूरे, भांग आदि चढ़ाने का अर्थ है अपने भीतर की विषैली वृत्तियों को परमात्मा शिव पर अर्पित करना। शिवरात्रि के अवसर पर व्रत रखने का अर्थ है मन, वाणी और कर्म की शुद्धि का दृढ़ संकल्प लेना। रात्रि जागरण का अर्थ है – परमात्मा शिव के अवतरण के पश्चात् ज्ञान प्रकाश में जीना, अज्ञान अंधियारे में ही सोते ना रहना। इस प्रकार शिवरात्रि मनाना सही मायने में भगवान शिव को प्रसन्न करना है और अपने लिए सदा काल की सुख-शान्ति-समृद्धि सुनिश्चित करना है।

सभी उपस्थित अतिथियों ने भी अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

स्वागत भाषण सोनिका बहन एवं धन्यवाद ज्ञापन विनोद भाई ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से विजय भाई, सोनू भाई, विनोद ठाकुर भाई, जयजयराम भाई, मनोहर भाई, मंटून भाई आदि उपस्थित रहे।

ज्ञात हो कि कार्यक्रम स्थल पर ही 20 तारीख तक सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक शिव दर्शन आध्यात्मिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसमें आकर लोग दिव्य प्रदर्शनी का अवलोकन कर राजयोग मेडिटेशन के लिए नि:शुल्क नामांकन करा सकते हैं।

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