बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए दिल्ली का सीएम बनाएंगे पीएम मोदी!

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चरण सिंह 

जो लोग यह समझ रहे हों कि प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता, रेखा गुप्ता, मनोज तिवारी, वीरेंद्र सचदेवा में से कोई दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने जा रहा है वे लोग जरा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और हरियाणा के विधानसभा चुनाव और वहां मुख्यमंत्रियों पर नजर दौड़ा लें। पीएम मोदी की रणनीति और उनके मुख्यमंत्री बनाने के निर्णयों पर गौर कर लें। पीएम मोदी दिल्ली का मुख्यमंत्री भी ऐसे ही बनाने जा रहे हैं। दिल्ली का मुख्यमंत्री बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए बनाया जाएगा। ओबीसी उनकी पहली पसंद होगी।

ऐसे में प्रश्न उठता है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा ? पीएम मोदी की सभी पसंद की सभी शर्तें घोंडा से लगातार दूसरी बार विधायक अजय महावर पर सटीक बैठती हैं। वह झारखंड के साहिबगंज के रहने वाले हैं। जब वह संघर्ष कर रहे थे तो साहिबगंज बिहार में था। वह ओबीसी भी हैं। साथ ही वह विधानसभा में मुख्य सचेतक भी रहे हैं। देखने की बात यह है कि प्रवेश वर्मा दो बार के सांसद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह के बेटे हैं। आप संयोजक और आप के चेहरे अरविन्द केजरीवाल को उन्होंने हराया है। विजेंद्र गुप्ता तीसरी बार विधायक बने हैं। प्रतिपक्ष नेता रहे हैं। वैश्य और पंजाबी समाज पर पकड़ रखते हैं। रेखा गुप्ता शालीमार बाग़ से विधायक बनी हैं। महिलाओं पर अच्छी पकड़ रखती हैं। वीरेंद्र सचदेवा ने अपने अध्यक्षीय काल में बीजेपी का 27 साल का वनवास समाप्त कराया है।

मनोज तिवारी लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं और उनका टिकट नहीं कटा था। दरअसल लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों ही नेता ओबीसी हैं। ऐसे में दोनों नेताओं को डाउन करने के लिए पीएम मोदी ओबीसी चेहरे अजय महावर को दिल्ली का सीएम बना सकती हैं। अजय महावर को सीएम बनाने पर एक ओर जहां झारखंड को साध पाएगी वहीं बिहार में भी अच्छा संदेश जाएगा। मतलब लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन की काट के रूप में अजय महावर को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। दरअसल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली के बाद बीजेपी अब बिहार में अपने दम पर सरकार बनाना चाहती है।

ऐसे में दिल्ली में झारखण्ड का ओबीसी चेहरा लेकर बिहार में एक बड़ा संदेश दिया जा सकता है। बिहार की राजनीति देखते हुए मनोज तिवारी को मुख्यमंत्री बनाना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि बिहार के किसी नेता को मुख्यमंत्री बना दिया तो दिल्ली के लोकल गुर्जर और जाट नेता नाराज नहीं होंगे ? वैसे भी 22 दिसम्बर को 360 गांवों की 36 बिरादरियों ने पंचायत की थी। इस पंचायत की अगुआई गुर्जर नेता और जाट नेताओं की थी। गुर्जरों की ओर से रमेश विधूड़ी तो जाटों की ओर से प्रवेश का नाम पेश किया गया था। पंचायत में किसी गुर्जर या जाट नेता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया था।इस पंचायत की अगुआई करने वाले गुर्जर और जाट नेता गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे। ऐसे में प्रश्न उठता है कि तो फिर दिल्ली के जाट और गुर्जर नेता नाराज नहीं होंगे। जाट बहुल 13 सीटों में से  तो 11 सीटें बीजेपी ने जीत ली है। दरअसल पीएम मोदी अब किसी के नाराज होने या खुश होने को नहीं देखते हैं। बीजेपी के एक से बढ़कर एक नेता नाराज हो गए पर पीएम मोदी ने जो चाहा वह किया। ऐसा ही वह दिल्ली में करने वाले हैं। 14 फरवरी को वह विदेश दौरे से लौट रहे हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री पद शपथ ग्रहण हो जाएगा।

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