चरण सिंह
दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार थम गया है। बीजेपी और आप दोनों ही पार्टियां सरकार बनाने का दावा कर रही हैं। सरकार बनाने के दावे के बीच आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 55 सीटें जीतने का दावा कर दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि यदि महिलाओं ने जोर का धक्का लगा दिया तो 60 सीटें भी जीत सकते हैं। मतलब अरविंद केजरीवाल भी मानते हैं कि उनकी सरकार तो बन जाएगी पर सीटें पहले से कम हो रही हैं।
अरविंद केजरीवाल के आत्मविश्वास डिगने का बड़ा कारण यह है कि बीजेपी की ओर से उनकी जबरदस्त घेराबंदी कर दी गई है। कांग्रेस भी उनका वोट काट रही है। दिल्ली के समीकरण जो उभर कर जो सामने आ रहे हैं, उनके अनुसार अरविन्द केजरीवाल फिर भी सरकार बनाने जा रहे हैं। दरअसल केजरीवाल ने जो 2100 रुपए चुनाव के बाद महिलाओं को देने का वादा किया है। वही वादा उनको जिताने जा रहा है।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि बीजेपी और कांग्रेस ने तो 2500 रुपए प्रतिमाह देने का ऐलान किया है। देखने की बात यह है कि दिल्ली के लोगों को केजरीवाल पर तो विश्वास है कि बीजेपी या कांग्रेस पर नहीं है। लोग जानते हैं कि केजरीवाल तो पैसा दे देते हैं पर बीजेपी या फिर कांग्रेस देगी इसका वे विश्वास करने को टी तैयार नहीं हैं। वैसे भी केजरीवाल पहले फ्री पानी फ्री बिजली देते रहे हैं। दिल्ली के गरीब लोगों को 10-15 हजार रुपए का फायदा केजरीवाल सरकार से मिल रहा है। इसमें दो राय नहीं कि इन चुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा को भी प्रचार के लिए लगाया गया है। यमुना के गंदे पानी के साथ ही कथित शराब घोटाले को भी खूब उछाला गया। भले ही केजरीवाल के साथ ही उनके डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन और सांसद संजय सिंह जेल रह आए हों पर अरविन्द केजरीवाल की पकड़ अभी भी दिल्ली के आम आदमी पर है। इसे लालच समझें या फिर वादा अभी भी केजरीवाल पर लोगों का विश्वास है।
आप की सरकार बनना कांग्रेस को मुस्लिम और दलित वोट मिलने पर निर्भर करेगा। यदि कांग्रेस मुस्लिम और दलित दस प्रतिशत वोट भी हासिल कर ले गई तो समझो बीजेपी की सरकार बन रही है। यदि मुस्लिमों और दलितों ने कांग्रेस को वोट न देकर आप पर ही विश्वास जताया तो केजरीवाल की सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता है। बीजेपी को यह भी समझना होगा कि यदि इस बार सरकार न बना पाई तो फिर बीजेपी को दिल्ली में सरकार बनानी भूलनी होगी। केजरीवाल को भी यह समझना होगा कि यदि इस बार वह सरकार नहीं दोहरा पाए तो समझो उनको लम्बे समय तक इंतजार करना पड़ेगा।