लैंड फॉर जॉब स्कैम: लालू परिवार की बढ़ी मुसीबत

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 आईएएस आरके महाजन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी

 पटना। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में अहम सुनवाई की। इस मामलें रिटायर्ड आईएएस आरके महाजन पर मुकदमा चलाने की अनुमति कोर्ट ने दे दी। ये मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने रेलवे में नौकरी के बदले लोगों से कम दामों में जमीन ली थी। यह जमीन बाद में लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर ट्रांसफर की गई थी। इस मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, हेमा यादव और कुछ पूर्व अधिकारी आरोपी हैं। कोर्ट ने 7 फरवरी को अगली सुनवाई की तारीख तय की है। इस फैसले से बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान रेलवे में नौकरियां देने के बदले में लोगों से जमीन ली। यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है। सीबीआई ने इस मामले में जांच की और पाया कि कई लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई और बदले में उनसे सस्ते दामों पर जमीन ली गई। यह जमीन लालू परिवार के सदस्यों, जैसे उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर रजिस्टर की गई थी। इसके अलावा, कुछ पूर्व सरकारी अधिकारी भी इस मामले में शामिल पाए गए हैं, जिनमें आरके महाजन का नाम पहली बार शामिल किया गया।
सीबीआई ने कोर्ट में बताया कि इस मामले में सभी पूर्व लोक सेवक आरके महाजन के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई। लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी। अब कोर्ट ने उनके परिवार के सदस्यों और अन्य आरोपियों के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने इस मामले में पहले भी कई बार लालू परिवार के सदस्यों से पूछताछ की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी लालू और तेजस्वी से लगभग 10-10 घंटे तक पूछताछ की थी।
इस मामले में 7 अक्टूबर को लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत मिल गई थी। लेकिन अब राउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 7 फरवरी तय की है। इस फैसले से बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विपक्षी दल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेंगे।
आरोप है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे, तब उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी देने के बदले में उनसे जमीन दो कंपनियों और लालू यादव के यहां काम करने वाले एक कर्मचारी के नाम पर रजिस्ट्री करवाई जाती थी। बाद में, ये लोग लालू परिवार को वह जमीन ‘गिफ्ट’ कर देते थे। लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नौकरी दी गई थी। बताया जा रहा है कि लालू परिवार ने बिहार में एक लाख वर्ग फुट से भी ज्यादा जमीन सिर्फ 26 लाख रुपए में रजिस्ट्री करवा ली थी, जबकि उस समय उस जमीन की कीमत बाजार भाव के हिसाब से चार करोड़ रुपए से भी ज्यादा थी।

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