बिहार में खरमास बाद कैबिनेट विस्तार संभव

0
7
Spread the love

 जानिए बीजेपी और जदयू से कितने मंत्री बन सकते हैं?

 पटना। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह के कुछ ही दिन बाद अचानक से राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजभवन पहुंचना कई प्रश्नों को जन्म दे गया। प्रश्न मंत्रिपरिषद विस्तार के साथ विधान सभा भंग को ले कर उठने लगे। पर विधानसभा भंग करने के प्रश्न पर तुरंत ही विराम लग गया। ऐसा इसलिए भी कि भंग करने के बाद भी कुछ माह चुनाव हेतु लग भी जाएंगे,फिर क्या फायदा। दूसरी बात यह सामने आई कि भंग करना ही होता तो एनडीए की बैठक भी जिले में क्यों होती। वह भी एनडीए की बैठक जिला स्तर पर वह भी चुनाव के संदर्भ में पहली बार हो रही है। लेकिन मंत्रिपरिषद विस्तार पर मुहर लगती तो दिख ही रही है।
मंत्रिपरिषद विस्तार को शुभ कार्य मानते यह चर्चा है कि खरमास के बाद ही इस मुहिम को अंजाम दिया जाएगा। तब तक दही चूड़ा की गर्माहट भी सभी दलों में आ जाएगी। पर मंत्रिपरिषद के विस्तार को ले कर भी कई प्रश्न उठ रहे हैं। क्या नीतीश कुमार केवल भाजपा और जदयू की रिक्त जगह को भरेंगे? या आगामी चुनाव को देखते एनडीए के हर दल का प्रतिनिधित्व देंगे ? अगर ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा संतोष भाजपा को करना होगा। ऐसा इसलिए कि शेष बचे मंत्री के छह पद में चार मंत्री के पद भाजपा कोटे से है। केवल दो मंत्री पद जदयू के हिस्से में हैं।
दरअसल ,अक्टूबर-नवंबर में निर्धारित विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रख कर मंत्रिपरिषद विस्तार तुरुप का पता साबित होने जा रहा है। ऐसा इसलिए कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बहाने सामाजिक समीकरण को साध लेंगे। कैबिनेट विस्तार भी आबादी के अनुसार होगा ताकि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जीत का परचम लहराना आसान हो जाए।इस मंत्रिपरिषद विस्तार का एक पक्ष यह भी है कि एनडीए में शामिल दल के नेतृत्वकर्ता को संतुष्ट किया जाए। मंत्री पद के सीटों का बंटवारा विधायकों की संख्या बल के अनुसार होगा। इस हिसाब से भारतीय जनता पार्टी से 4 नेताओं को मंत्री का पद मिल सकता है। वहीं विधायकों के संख्या बल को देखें तो जदयू से दो और मंत्री बनाए जा सकते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार एनडीए के रणनीतिकारों की नजर उन विधान सभा क्षेत्रों पर हैं जहां एनडीए की पकड़ ढीली हे और महागठबंधन की ज्यादा पैठ है। ऐसे में इन इलाकों से मंत्री बनाकर राजनीतिक संदेश देने की कोशिश होगी कि भले वोट नहीं दिए पर मंत्री आपके क्षेत्र का होगा और ये मंत्री आपके क्षेत्र का विकास करेंगे। दूसरा पहलू है कि विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण भी दुरुस्त किए जाएंगे।अभी नीतीश सरकार में भाजपा के 15, जेडीयू के 13, हम के 1 और 1 निर्दलीय मंत्री हैं। 6 और मंत्री बन सकते हैं लेकिन यह पूरी तरह नीतीश पर निर्भर है कि वो किस दल से कितने या किसे मंत्री बनाएंगे। चर्चा है कि जिस मंत्री के पास एक से अधिक विभाग है, उनके विभाग नए मंत्रियों को दे दिए जाएं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here