कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर नीतीश को छोड़ तेजस्वी का दामन थामेंगे मंगनी लाल मंडल!

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मधुबनी के फुलपरास में जननायक की जयंती मना रहा आरजेडी 

कर्पूरी ठाकुर की कर्मभूमि रहा है मधुबनी का फुलपरास 

कर्पूरी ठाकुर की परम शिष्य रहे हैं मंगनी लाल मंडल  

नीतीश ने गत साल महासचिव बनाया है मंगनी लाल मंडल को 

चरण सिंह 
नई दिल्ली/पटना। बिहार के प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने अब अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बना ली है। तेजस्वी यादव चाचा नीतीश कुमार को उनके ही दांव से चित करने की रणनीति पर काम रहे हैं। नीतीश कुमार ने एमएलसी उप चुनाव में धानुक समाज के ललन प्रसाद को प्रत्याशी क्या बनाया कि तेजस्वी यादव ने धानुक समाज से ही आने वाले पुराने समाजवादी मंगनी लाल मंडल को आरजेडी में लाने की तैयारी कर ली है। जानकारी यह मिल रही है कि मंगनी लाल मंडल 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह में उनकी कर्मभूमि फुलपरास में फिर से आरजेडी के हो जाएंगे।
दरअसल मधुबनी और कोसी क्षेत्र में खोया हुआ जनाधार पाने के लिए लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह उनकी कर्मभूमि फुलपरास में रखा है। इसी क्षेत्र में मंगनी लाल मंडल को आरजेडी की सदस्यता दिलाने की तैयारी तेजस्वी यादव ने कर ली है। देखने की बात यह है कि किसी समय मधुबनी, सुपौल, दरभंगा, समस्तीपुर आरजेडी का क्षेत्र माना जाता था। नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस क्षेत्र पर जदयू का होल्ड होता गया। अब फिर से जनाधार बनाने के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव हाथ पैर मार रहे हैं।
दरअसल मंगनी लाल मंडल 1986 से 2004 तक एमएलसी और 2004 -2009 तक आरजेडी से राज्यसभा सांसद रहे। 2019 में उन्होंने आरजेडी छोड़ दी थी। तब उन्होंने आरजेडी पर आरोप लगाया था कि आरजेडी पर अराजनीतिक पूंजीपतियों का कब्ज़ा हो गया है। लालू प्रसाद ने महादलितों को 30 प्रतिशत टिकट देने का वादा किया था पर उन्होंने मात्र पांच प्रतिशत टिकट ही दिए। तब उन्होंने लालू पर प्रसाद को पूंजीपतियों के हाथों कठपुतली बनने का आरोप लगाया था। अब नीतीश कुमार ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया हुआ था। 2024 के लोकसभा चुनाव में उनको टिकट मिलने की बात चल रही थी पर नहीं मिला। तब से वह नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं।

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