बिहार में नीतीश को भारी पड़ने वाला है अमित शाह का बयान ?

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बड़ा खेल करने वाले हैं लालू प्रसाद, 2015 वाला कार्ड खेलेंगे लालू प्रसाद 

चरण सिंह 
क्या गृह मंत्री अमित शाह के अम्बेडकर पर दिए गए बयान का असर बिहार के विधानसभा चुनाव पर पड़ने वाला है ? क्या आरजेडी ने इसे मुद्दा बना लिया है ? क्या लालू प्रसाद 2015 का चुनाव दोहराने जा रहे हैं ?
दरअसल राज्य सभा में अंबेडकर पर दिए गए गृह मंत्री अमित शाह को बयान के खिलाफ विपक्ष ने देशभर में अमित शाह के खिलाफ माहौल बना दिए है। बिहार में भी आरजेडी और कांग्रेस ने भी से मुद्दा बना लिया है। जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह 5 जनवरी को पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के जयंती कार्यक्रम में पटना पहुंच जा रहे हैं। ऐसे में अमित शाह को आरजेडी और कांग्रेस के प्रोटेस्ट का सामना करना पड़ सकता है। वैसे भी बिहार के चाणक्य माने जाने वाले लालू प्रसाद ने अम्बेडकर पर दिए अमित शाह के बयान पर नीतीश कुमार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने अमित शाह को लेकर एक रणनीति  तैयार की है। तेजस्वी का प्रयास है कि बाबा साहेब पर दिए गए गृह मंत्री अमित के बयान को लेकर नीतीश कुमार को घेरा जाये। तेजस्वी यादव अमित शाह के साथ नीतीश कुमार को खड़े होने पर दलित महादलित वर्ग को नीतीश  कुमार के खिलाफ उकसाते हुए दिखाई देंगे।  वैसे भी अमित शाह के इस बयान के बाद कांग्रेस ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ दिया है। बिहार में भी कांग्रेस नीतीश कुमार और चिराग पासवान को घेरने में लगी है।
दरअसल विपक्ष अमित शाह को दलित विरोध चेहरा बनाने में लगा है। जिस तरह से मोहम्मद अली जिन्ना के मजार पर जाने के बाद लाल कृष्ण आडवाणी के हिंदुत्व के चेहरे को प्रभावित किया गया था उसी तरह से अमित शाह कितनी भी सफाई दे लें पर विपक्ष उनकी छवि दलित विरोधी बनाने में लगा है। वैसे भी बिहार के चाणक्य माने जाने वाले लालू प्रसाद इस  तरह के मामलों को भुनाने में माहिर माने जाते हैं।
 2015 के विधान सभा चुनाव में जब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण आर्थिक आधार पर देने की पैरवी का दी तो वह लालू प्रसाद का ही प्रयास था कि बीजेपी को मामला उल्टा पड़ गया था और महागठबंधन ने जीत दर्ज की  थी।
ऐसे ही लोकसभा चुनाव में जब 400 सीट जीतने के बाद बीजेपी नेताओं की ओर से संविधान में संशोधन करने की बात की जाने लगी तो वह लालू प्रसाद का ही बयान था कि यदि संविधान की ओर आँख उठाकर देखा तो आरक्षण का लाभ लेने वाले लोग आँख निकाल लेंगे। वह लालू प्रसाद का ही बयान था कि विपक्ष की ओर से संविधान बदलने और आरक्षण ख़त्म करने का मुद्दा बनाया गया और उत्तर विपक्ष ने  234 सीटें जीतीं। हालांकि बिहार में लालू प्रसाद की पार्टी को वह सफलता नहीं मिली जिसकी उम्मदी लालू प्रसाद को थी। अब अमित शाह को लेकर लालू प्रसाद वह तीर छोड़ने वाले हैं जो नीतीश कुमार और बीजेपी के लिए भारी पड़ने वाला है।

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