मोतिहारी। 21वीं सदी में भी अन्धविश्वास कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अक्सर अन्धविश्वास के चक्कर में लोगों की जान जाने की खबरें आती है बावजूद इसके लोग अन्धविश्वास के चक्कर में पड़ जाते हैं। ऐसे ही अन्धविश्वास के चक्कर में पूर्वी चंपारण में एक 12 वर्षीय बच्चे की जान चली गई। मामला पूर्वी चंपारण के जीवधारा रघुनाथपुर की है। दरअसल एक 12 वर्षीय बच्चे सुमन की तबियत ख़राब हो गई जिसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय उत्तर प्रदेश के बरेली से आये एक तांत्रिक के पास लेकर गए। तांत्रिक ने झाड़ फूंक की लेकिन बच्चे की जान नहीं बची।
बच्चे की तबियत जब अधिक बिगड़ गई तब उसे परिजनों ने अस्पताल पहुँचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक बच्चे के परिजनों ने बताया कि तांत्रिक की उम्र महज 17 18 वर्ष है और वह भूत प्रेत भगाने का दावा करता है। वह मृतक बच्चे पर भी भूत प्रेत के साया होने का दावा कर रहा था और झाड़ फूंक के चक्कर में बच्चे की जान चली गई। लोगों ने बताया कि तांत्रिक खुद को बड़ा तांत्रिक बताता है और बड़े बड़े दावे करता है। उसने बच्चे के बारे में भी बताया था कि उसने मेरे से बात की थी लेकिन किसी डायन ने उसे बिस्कुट खिला कर अपने वश में कर लिया था।