चरण सिंह
विपक्ष लगातार चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा कर चुनाव हारने का रोना रो रहा है। वह बात दूसरी है कि लोकसभा चुनाव में सपा ने 37 तो कांग्रेस ने 100 सीटें हासिल की थी और विपक्ष बीजेपी के हारने की बात कर रहा था। हरियाणा के बाद अब महाराष्ट्र चुनाव हारने के बाद विपक्ष ने फिर से चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। अब कांग्रेस ने चुनाव आयोग के सामने अपना रोना रोने के लिए पत्र लिखा है।
दरअसल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदान और गणना में अनियमितता का आरोप लगाकर व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की मांग की है। वह बात दूसरी है कि झारखंड में विपक्ष को कोई गड़बड़ी नजर नहीं आई है। महाराष्ट्र हार के बाद कांग्रेस ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर एक बड़ा अभियान भी छेड़ने की बात की है। वह बात दूसरी है कि सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष की यह दलील नहीं सुनी है। सुप्रीम कोर्ट का का कहना है कि जहां जीत जाते हो वहां कुछ नहीं होता और जहाँ हार जाते हो वहां ईवीएम का रोना रोने लगते हो। मतलब विपक्ष सब कुछ करेगा पर जनसमस्याओं को लेकर आंदोलन नहीं करना है। जनहित के मुद्दों को नहीं उठाना है। सत्ता के लिए एकजुट हो जाएंगे पर जनता के लिए एकजुट नहीं होना है।
यदि विपक्ष और सत्तापक्ष के काम करने के तरीके पर जाएंगे तो विपक्ष से ज्यादा मेहनत सत्ता पक्ष के नेता करते देखे जाते है। ऊपर से आरएसएस की गली मोहल्ले तक सक्रियता अलग से। ऐसे में बिना संघर्ष के बदलाव का सपना देखने वाला विपक्ष चुनाव आयोग से अपनी मांग कैसे मनवा पाएगा।
यदि विपक्ष और सत्तापक्ष के काम करने के तरीके पर जाएंगे तो विपक्ष से ज्यादा मेहनत सत्ता पक्ष के नेता करते देखे जाते है। ऊपर से आरएसएस की गली मोहल्ले तक सक्रियता अलग से। ऐसे में बिना संघर्ष के बदलाव का सपना देखने वाला विपक्ष चुनाव आयोग से अपनी मांग कैसे मनवा पाएगा।
दरअसल कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मतदान और गिनती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मतदाता सूचियों से “मनमाने ढंग से मतदाताओं को हटाया गया और हरेक विधानसभा क्षेत्र में 10,000 से अधिक मतदाताओं को जोड़ा गया। पार्टी ने महाराष्ट्र के मतदाता डेटा पर एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी सवाल उठाए हैं।
इस पत्र में आरोप है कि मनमाने ढंग से हटाने और जोड़ने की इस प्रक्रिया की वजह से इस वर्ष जुलाई से नवंबर के बीच महाराष्ट्र में मतदाता सूची में लगभग 47 लाख नए मतदाता शामिल किए गए।
पार्टी ने दावा किया कि जिन 50 विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 50,000 नए मतदाता जोड़े गए, उनमें से 47 सीटों पर सत्ताधारी गठबंधन और उसके सहयोगियों ने जीत दर्ज की।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों पर भी सवाल उठाए हैं। पार्टी का आरोप है कि 21 नवंबर 2024 को शाम 5 बजे तक महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत 58.22% था, जो रात 11:30 बजे तक बढ़कर 65.02% हो गया। इसके अलावा, अंतिम रिपोर्ट में 66.05% मतदान दर्ज किया गया, जो मतगणना शुरू होने से कई घंटे पहले घोषित हुआ। लेटर के अनुसार, केवल एक घंटे में यानी शाम 5 बजे से 6 बजे के बीच लगभग 76 लाख वोट डाले गए।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों पर भी सवाल उठाए हैं। पार्टी का आरोप है कि 21 नवंबर 2024 को शाम 5 बजे तक महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत 58.22% था, जो रात 11:30 बजे तक बढ़कर 65.02% हो गया। इसके अलावा, अंतिम रिपोर्ट में 66.05% मतदान दर्ज किया गया, जो मतगणना शुरू होने से कई घंटे पहले घोषित हुआ। लेटर के अनुसार, केवल एक घंटे में यानी शाम 5 बजे से 6 बजे के बीच लगभग 76 लाख वोट डाले गए।
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए मतपत्रों के उपयोग की मांग की। उन्होंने कहा कि हमें ईवीएम नहीं, बैलट पेपर चाहिए। दरअसल हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीत ली। बीजेपी ने 132 तो शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीती है। उधर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को कुल 46 सीटें मिलीं, इनमें कांग्रेस की हिस्सेदारी केवल 16 सीटों की रही।