बिहार सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष करने की मांग

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मुजफ्फरपुर। भाजपा ओबीसी मोर्चा बिहार प्रदेश प्रवक्ता सह सीतामढ़ी जिला प्रभारी प्रद्युम्न रंजन राणा ने आज निजी दौरे पर आए बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्रालय राज भूषण निषाद से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 42 वर्ष करने की मांग की।

राणा ने कहा कि बिहार के आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक और शैक्षणिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सिविल सेवा परीक्षा में आयु सीमा में वृद्धि आवश्यक है। उन्होंने अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 से 46 वर्ष के बीच है, जबकि बिहार में यह केवल 37 वर्ष है।

राणा ने कहा कि बिहार जैसे राज्य में यह आयु सीमा अभ्यर्थियों के अवसरों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है और उन्हें प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने के लिए मजबूर करती है। उन्होंने कहा, “अभ्यर्थियों को आश्चर्य होता है जब वे दूसरे राज्यों की भर्ती परीक्षाओं के लिए योग्य होते हैं, लेकिन अपने ही राज्य में अयोग्य हो जाते हैं।”

उन्होंने बताया कि इस विषय पर उन्होंने पूर्व में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को ज्ञापन सौंपा था, जिसका पत्रांक संख्या 21/2024 दिनांक 3 मार्च 2024 है, और उन्हें आश्वासन मिला था कि इस पर जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि बिहार सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगी, जिससे राज्य के अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में एक नई उम्मीद मिलेगी।

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