101 घाटों पर जिला प्रशासन की विशेष तैयारी शुरू
पटना। लोक आस्था के महापर्व छठ में अभी करीब 12 दिन बचे हुए हैं. लेकिन हर वर्ष की अपेक्षा इस बार गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है. अभी गंगा न्यूनतम वाटर लेवल से करीब साढ़े 5 मीटर ऊपर बह रही है. ऐसे में जिला प्रशासन के लिए छठ घाट को चुस्त दुरुस्त करना बड़ी चुनौती बन गई है. अधिकांश घाटों पर वाटर लेवल अधिक है और पक्के घाटों को छोड़कर लगभग सभी कच्चे घाटों पर दलदल की स्थिति बनी हुई है. हालांकि जिला प्रशासन के जरिए युद्ध स्तर पर घाटों को ठीक करने का काम किया जा रहा है, लेकिन जिस अनुपात से गंगा का जलस्तर घट रहा है ऐसे में उम्मीद है कि इस बार 8 से 10 घाटों को खतरनाक घोषित किया जा सकता है.
पटना डीएम चंद्रशेखर ने पुष्टि की है कि पटना के आठ घाट अभी तक खतरनाक हैं, जबकि 101 घाट पर छठ किया जा सकता है. छठ घाट पर श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा के लिए पटना प्रमंडल आयुक्त मयंक बड़बड़े ,पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी राजीव मिश्रा लगातार घाटों पर नजर बनाए हुए हैं और इसी कड़ी में आज गुरुवार को दानापुर के नासरीगंज घाट से पटना सिटी के गायघाट तक जलमार्ग से निरीक्षण किया और सभी घाटों का मुआयना किया. डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष गंगा का जलस्तर में कुछ वृद्धि दिख रही है, लेकिन अभी छठ में 10 दिन से ज्यादा समय बचे हुए हैं. ऐसे में हम लोग दलदल को हटाने का कार्य कर रहे हैं. तो संपर्क पथ को भी अभी ठीक करने में लगे हुए हैं .उन्होंने बताया कि अभी जिस तरह से गंगा का जलस्तर घट रहा है, उस हिसाब से छठ तक अभी से 1 मीटर के आसपास पानी घटने की उम्मीद है और उसी को देखते हुए हम लोग तैयारी कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि अभी पानी और निकलेगा उसका इंतजार हम लोग कर रहे हैं, अभी जो दलदल निकल चुके हैं वह इतने दिनों में सूख जाएंगे. छठ के समय तक कितने पानी निकलते हैं. उस अनुसार बेरिकेटिंग की जाएगी और उसी के आधार पर घाटों पर बालू देकर दलदल से निजात पाया जा सकता है. छठ में घाटों पर कितने जगह बचते हैं. वह सब दीपावली के बाद ही क्लियर हो पाएगा. अभी जिस तरह से कम होना चाहिए उसके हिसाब से ठीक हो रहा है.
डीएम ने बताया कि अभी जो निरीक्षण किया गया है, उसमें आठ खतरनाक घाट चयन किए गए हैं. इनमें मुख्य रूप से एलसीटी घाट, पहलवान घाट, बांस घाट, मीनार घाट यह सब खतरनाक की श्रेणी में हैं, जहां अभी कटाव हो रहा है. बहुत ऐसे भी घाट हैं जो अनुपयुक्त हैं, इसमें अदालत घाट, मिश्री घाट, इन सब घाटों पर पानी ही नहीं रहता है. इसलिए यहां छठ पहले भी नहीं होते आ रहे हैं. हालांकि यह सब पक्के घाट हैं, लेकिन अनुपयुक्त है. उन्होंने बताया कि दानापुर से लेकर दीदारगंज तक कुल 109 घाट हैं, जिसमें आज हम लोगों ने 75 घाट का निरीक्षण किया है.101 गंगा घाट है, जो छठ करने लायक है और उन पर तेजी से काम किया जा रहा है. गंगा का जलस्तर घटने से परिस्थितियों में और बहुत बदलाव होंगे.
उन्होंने बताया कि कलेक्ट्रीयट घाट, महेंद्रु घाट के अलावे कई ऐसे घाट हैं, जहां अभी पूरी तरह दलदल की स्थिति बनी हुई है. उम्मीद है कि छठ तक सूख जाएगा .गंगा घाट के अलावे जिला प्रशासन पटना में 45 तालाब है वहां भी छठ के लिए व्यवस्था की जा रही है. सभी तालाब तथा पार्को में भी जिला प्रशासन की ओर से टैंकर के जरिए गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा. सभी घाटों पर पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है और गाड़ी वहीं तक जाएगी जहां तक पार्किंग की व्यवस्था रहेगी. मुख्य रूप से दीघा पाटिल घाट, जेपी सेतु से सटे गेट नंबर 93 से 82 तक तथा कलेक्ट्रेट घाट यह सभी घाट बड़े घाट के रूप में होने जा रहे हैं और इन जगहों पर बड़ी पार्किंग की व्यवस्था होगी. अन्य घाटों पर भी पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है.