मजदूर आंदोलन में सोशलिस्ट तहरीक की भूमिका

प्रोफेसर राजकुमार जैन 
‌ ( भाग–4)
प्रोफेसर राजकुमार जैन के इस लेख के पहले तीन भागों में आप पढ़ चुके हैं कि किस प्रकार कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के स्थापना सम्मेलन में कांग्रेस के एजेंडा पर मज़दूरों और किसानों के हितों के सर्वोपरि रखने के प्रयास शुरू हो गए थे और फिर आपने पढ़ा कि कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के प्रथम सम्मेलन में मज़दूरों से संबंधित प्रस्ताव में किस तरह से बहुत से प्रगतिशील कदमों की सिफारिश की गई। इससे पिछली किश्त में डॉ लोहिया और जे पी की मज़दूरों और कामगारों के लिए प्रतिबद्धता की बानगी देखने को मिली। इस किश्त में आप पढ़ेंगे की कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी कांग्रेस से अलग हो गई और इधर 1948 में सोशलिस्टों के प्रभाव तले काम कर रहे इंडियन लेबर फेडरेशन और हिंद मजदूर पंचायत को मिलाकर एक नया मजदूर संगठन बनाया गया और इसका नाम ‘हिंद मजदूर सभा’ रखा गया। क्या उद्देश्य थे इसके और ऐसी ही अन्य तफसील जानने के लिए आइये पढ़ते है।
विदेशी दासता से आजादी मिलने के बाद “कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी” का राष्ट्रीय सम्मेलन कानपुर में आयोजित हुआl जिसमें पार्टी के नाम से कांग्रेस शब्द हटा दिया गया और पार्टी का नया नाम ‘सोशलिस्ट पार्टी’ रखा गयाl सम्मेलन में पार्टी का पॉलिसी स्टेटमैंट प्रारूप प्रतिनिधियों के सामने रखा गया। पार्टी का मकसद लोकतंत्रात्मक समाजवादी (Democratic Socialism ) समाज की स्थापना करना था, जिसमें हर व्यक्ति श्रमजीवी है, सभी व्यक्ति, स्त्रियों समेत समान है, जहां सभी के लिए समान अवसर है, जहां पारिश्रमिक में इतना अंतर नहीं है कि वर्ग भेद पैदा हो। जहां सारी संपत्ति समाज की है, जहां विकास योजनाबद्ध है। सोशलिस्ट पार्टी की श्रमिक संबंधी नीति, स्वतंत्र और समान जीवन के आधार पर नयी सामाजिक व्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, ट्रेड यूनियनो, सहकारिता, लेबर कॉलेजो और श्रमिकों के समितियां के माध्यम से उनका समर्थन प्राप्त करने की है।
मजदूरों से संबंधित प्रस्ताव में लिखा गया कि देश के बिखरे छोटे-छोटे मजदूर संगठनों के स्थान पर अखिल भारतीय स्तर पर मजदूर संगठन बनाने की आवश्यकता और इसका महत्व समझकर राष्ट्रव्यापी ऐसे औद्योगिक मजदूर संघ के निर्माण पर बल दिया जो आंतरिक लोकतंत्र और संगठन स्वायत्तता के लिए प्रतिबद्ध हो। मेहनतकश लोगों को लोकतांत्रिक समाजवाद के सिद्धांतों से अवगत कराया जाये जिससे उनमें ऐसी वर्गीय एकता और उसके प्रति आस्था विकसित हो जो पुराने संकुचित और धार्मिक आस्था से अलग हो। पार्टी के पालिसी स्टेटमेंट में यह भी स्पष्ट किया गया कि मजदूर संघ और सहकारिता देश की मेहनतकश जनता के लिए लोकतंत्र के प्रशिक्षण के माध्यम है। प्रशिक्षण द्वारा ही श्रमिक वर्गो में राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रो में उत्तरदायित्व उठाने की क्षमता आ सकती है। समाजवादी व्यवस्था की स्थापना में श्रमिक वर्ग की बढ़ती हुई भागीदारी और उत्तरदायित्व पूर्ण भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।, इसलिए पार्टी की श्रमिक नीति पार्टी के पालिसी स्टेटमेंट का सार भाग है,’कांग्रेस से हटने के बाद मुल्क में तीन प्रमुख मजदूर संगठन थे। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, इंडियन फेडरेशन ऑफ़ लेबर तथा ऑल इंडिया नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस।
सोशलिस्ट पहले ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस मे कार्यरत थे, जहां कम्युनिस्ट भी शामिल थे। परंतु सोशलिस्ट अब अपना ट्रेड यूनियन बनाना चाहते थे। इसके अतिरिक्त ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन भी अस्तित्व में था।
कांग्रेस से अलग होने से पहले ही सोशलिस्ट मजदूरों के बीच में कार्यरत थे। 29 दिसंबर 1947 को सोशलिस्टों की मुंबई शाखा ने मजदूरों की एक सांकेतिक हड़ताल कराई जो बहुत ही कामयाब रही। दिसंबर 1948 में कोलकाता में समान विचार वाले कार्यरत मजदूर संघो के कार्यकर्ताओं और नेताओं का एक सम्मेल आयोजित हुआ। पंजाब में पहले से ही सोशलिस्टों के प्रभाव में हिंद मजदूर पंचायत के नाम से एक श्रमिक संगठन था। इंडियन लेबर फेडरेशन और हिंद मजदूर पंचायत को मिलाकर एक नया मजदूर संगठन बनाया गया और इसका नाम ‘हिंद मजदूर सभा’ रखा गया। इसी सम्मेलन में हिंद मजदूर सभा के संविधान का एक प्रारूप भी पास किया गया, जिसके अनुसार हिंद मजदूर सभा के निम्नलिखित उद्देश्य थे।
1 देश के श्रमिक वर्ग के आर्थिक, राजनीतिक, और सांस्कृतिक हितों को प्रोन्नत करना।
2 हिंद मजदूर सभा से ,सम्बद्ध संगठनों को दिशा निर्देश, संयोजन और सहायता देना।
3. श्रमिकों की सेवा से सम्बंधित उनके अधिकार, सहूलियतों और अन्य हितों को सुरक्षा देना। एक ही उद्योग और व्यवसाय के श्रमिक संगठनों का फेडरेशन निर्माण करना। एक ही उधोग और व्यवसाय में कार्यरत श्रमिकों द्वारा राष्ट्रीय श्रमिक संधो का गठन।
4. श्रमिकों की स्वतंत्रता, सुरक्षा और उनका सम्प्रेषण ।
5. संगठन बनाने की स्वतंत्रता, सभा करने की स्वतंत्रता, भाषण की स्वतंत्रता, समाचार पत्रों की स्वतंत्रता, रोजगार या सम्प्रेषण का अधिकार, सामाजिक सुरक्षा का अधिकार, हड़ताल करने का अधिकार,
6 देश में लोकतांत्रिक समाजवादी समाज की स्थापना के लिए श्रमिको को संगठित करना।
7 श्रमिकों के लिए सहकारिता समितियों और शिक्षा को प्रोन्नत देना।
8 देश और विदेश के समान उद्देश्य वाले संगठनों के साथ सहयोग करना।
औपचारिक एवं वैधानिक नजरिए से हिन्द मजदूर सभा एक स्वतंत्र संगठन थी। परंतु इसको सोशलिस्ट पार्टी के नेताओं द्वारा ही बनाया गया था। इसकी कमेटी में अधिकतर सोशलिस्ट ही थे।
मजदूरों के सम्बन्ध में लिखा गया कि देश के बिखरे छोटे-छोटे मजदूर संगठनों के स्थान पर अखिल भारतीय स्तर पर मजदूर संगठन बनाने की आवश्यकता और महत्व समझकर राष्ट्रव्यापी ऐसे औद्योगिक मजदूर संघ के निर्माण पर बल दिया जो आंतरिक लोकतंत्र और संगठन स्वायत्तता के लिए प्रतिबद्ध हो। मेहनतकश लोगों को लोकतांत्रिक समाजवाद के सिद्धांतों से अवगत कराया जाये। जिससे उनमें ऐसी वर्गीय एकता और उसके प्रति आस्था विकसित हो जो पुराने संकुचित और धार्मिक आस्था से अलग हो, पार्टी के पालिसी स्टेटमेंट में यह भी स्पष्ट किया गया कि मजदूर संघ और सहकारिता देश की मेहनतकश जनता के लिए लोकतंत्र 6के प्रशिक्षण के माध्यम है।

  • Related Posts

    अब तो पाकिस्तान को घुटनों पर लाना होगा !

    चरण सिंह  पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक युद्ध छेड़ दिया है। सिंधु समझौता रद्द करने के साथ ही पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर उन्हें…

    राजनीति की रंगमंचीय दुश्मनी और जनता की असली बेवकूफी

    नेताओं की मोहब्बत और जनता की नादानी कभी किरण चौधरी और शशि थरूर मंचों पर एक-दूसरे के खिलाफ़ खड़े होते हैं, कभी हिंदू-मुस्लिम के नाम पर पार्टियों की नीतियाँ बँटती…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    एमसीडी पर भी BJP का कब्ज़ा, राजा इकबाल सिंह बने मेयर 

    • By TN15
    • April 25, 2025
    • 7 views
    एमसीडी पर भी BJP का कब्ज़ा, राजा इकबाल सिंह बने मेयर 

    पहलगाम में पर्यटकों को हत्या करने के विरोध में विहिप बजरंग दल ने किया जोरदार प्रदर्शन

    • By TN15
    • April 25, 2025
    • 6 views
    पहलगाम में पर्यटकों को हत्या करने के विरोध में विहिप बजरंग दल ने किया जोरदार प्रदर्शन

    अब तो पाकिस्तान को घुटनों पर लाना होगा !

    • By TN15
    • April 25, 2025
    • 9 views
    अब तो पाकिस्तान को घुटनों पर लाना होगा !

    हक, अधिकार व रोजगार के लिए श्रमिकों ने बीएचईएल कम्पनी पर तीसरे दिन भी सीटू के बैनर तले किया धरना प्रदर्शन

    • By TN15
    • April 25, 2025
    • 7 views
    हक, अधिकार व रोजगार के लिए श्रमिकों ने बीएचईएल कम्पनी पर तीसरे दिन भी सीटू के बैनर तले किया धरना प्रदर्शन

    “मुस्कान का दान”

    • By TN15
    • April 25, 2025
    • 8 views
    “मुस्कान का दान”

    राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा योजनाओं का उद्घाटन

    • By TN15
    • April 25, 2025
    • 10 views
    राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा योजनाओं का उद्घाटन