बिहार में बाढ़ से त्राहिमाम, एनडीआरएफ की टीमें तैनात

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 केंद्रीय मंत्री नित्यानंद बोले- जरूरत पड़ी को एयरफोर्स की लेंगे मदद

दीपक कुमार तिवारी

पटना। नेपाल में पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है। कांठमांडू समेत नेपाल के कई बाढ़ के पानी में डूब गए है। नेपाल में बाढ़ की चपेट में आने के कारण कई लोगों की मौत हो गई। इस बीच नेपाल ने अपना रिकॉर्ड पानी बिहार की कोसी और गंडक नदी में भेज दिया। इसका असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। बिहार के 13 जिले बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित है। अब गंगा का भी जलस्तर बढ़ने का डर है। राजधानी पटना पर भी आफत है।
बिहार में बाढ़ को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक भी हुई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने की। उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है। नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार में जरूरत पड़ेगी, तो लोगों की एयरलिफ्टिंग भी कराया जाएगा। इतना ही नहीं आवश्यकता पड़ने पर एयरफोर्स को लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फूड पैकेट भी गिराया जाएगा।
सुपौल में कोसी तटबंध के कई बिन्दुओं पर पानी का भारी दबाव बढ़ रहा है। पूर्वी तटबंध के स्पर संख्या 67.60 के समीप पानी का रिसाव हो रहा है। पानी के रिसाव से स्थानीय लोगों में दहशत है।
सुपौल के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर गए। इस दौरान बस्ती में अचानक बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण एक महिला और बच्ची फंस गई। तेज बहाव में महिला और बच्ची बहने लगी, लेकिन मौके पर मौजूद ग्रामीण ने तेज बहाव के बावजूद तैर कर दोनों को बचाने में सफलता हासिल की।
पूर्णिया में भी लगातार हो रही बारिश से कई नदियां उफान पर हैं। बायसी में बहने वाली महानंद कनकई और परमान जैसी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। बयासी प्रखंड के ताराबाड़ी गांव में कटाव ने भयावह रूप ले लिया। यहां एक मस्जिद का ढांचा कनकई नदी में समा गया। इस घटना का 28 सेकेंड का लाइव वीडियो सामने आया है। जिसमें देखा जा सकता है कैसे मस्जिद का ढांचा महज चंद सेकेंड में नदी में समा गया।
दरभंगा के कुशेस्वरस्थान थाना क्षेत्र और घनश्यामपुर प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली कोसी नदी में अचानक उफान आ गया है। जिससे इलाके में बाढ़ खतरा मंडराने लगा है। जिलाधिकारी राजीव रौशन ने इलाके का दौरान कर स्थिति का जायजा लिया। लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।
भोजपुर में एक ओर तेजी से बाढ़ का पानी घट रहा है, लेकिन दूसरी ओर उतनी ही तेजी से गंगा की धार में हलचल हो रही है। जिसे देखकर शाहपुर प्रखंड अंतर्गत ज्वाइनिया गांव के लोग डर के साये में जीने को मजबूर है। पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है, लोग अपने घरों को छोड़ कर बाहर पलायन करने के लिए मजबूर है।

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