सीतामढ़ी : भारी बारिश, नदियों का जलस्तर बढ़ा

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 सड़कों और घरों में पहुंचा पानी, कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे

 सीतामढ़ी। बिहार के कई हिस्सों और सीतामढ़ी में पिछले तीन दिनों में हुई नॉन स्टॉप बारिश के बाद शहर की करीब पचास हजार की आबादी के समक्ष मुसीबतें खड़ी हो गई है। बारिश से प्रखंडों में भी गंभीर स्थिति बनी हुई है। नदियों के जल स्तर में लगातार वृद्धि से लोग संभावित खतरे को भांप कर सहमे हुए हैं। उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न नदियों का पानी सड़कों पर पहुंच जाने से आवागमन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। दो से तीन प्रखंड के दर्जन भर गांव पानी से घिर चुके हैं। बागमती नदी जिले में छह स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। लालबकेया नदी भी उफान पर और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इधर, अधवारा समूह की झीम नदी का पानी भी बढ़ रहा है।
जिले में लगातार बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि के मद्देनजर जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है। डीएम रिची पांडेय के द्वारा जिला और प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है। स्वयं डीएम एवं एसपी लगातार क्षेत्र विजिट कर रहे है। डीएम, एसपी, एडीएम आपदा प्रबंधन तथा तकनीकी विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा जिले के संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण किया गया। बेलसंड प्रखंड के चंदौली बांध,मेजरगंज प्रखंड के बसबिट्टा पंचायत के रसूलपुर गांव, बैरगनिया प्रखंड के वंशी चाचा पुल एवं चकवा पंचायत के तकिया टोला आदि का निरीक्षण किया गया।
जिलाधिकारी के द्वारा नदियों के जल स्तर पर तथा संवेदनशील स्थलों पर सतत निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। बचाव कार्यों को मजबूती प्रदान करने और वर्नेबल एरिया पर विशेष फोकस करने का निर्देश दिया गया है। जिले में अभी बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है। संभावित बाढ़ को देखते हुए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं और अधिकारियों को लगातार निर्देशित किया जा रहा है। लगातार बारिश होने एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने के कारण संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अनुमंडल स्तर पर बाढ़ आपदा प्रबंधन के मद्देनजर बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है।
जिले में लगातार बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से आम लोगों से अपील किया गया है कि इस स्थिति में सतर्कता बरतें और सुरक्षित स्थान पर रहें। नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना भी है। साथ ही इस दौरान अधिकांश हिस्सों में मेघ गर्जन के साथ वज्रपात एवं हवा की गति झोंकों के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार रहने की संभावना है। अपील की गई है कि सावधानी बरतें ,घर से बाहर न निकलें तथा सुरक्षित उपाय अपनाए एवं आपदा प्रबंधन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।

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