तीन चरणों में होगा “तिरहुत साहित्य उत्सव- 2024” का आयोजन

0
19
Spread the love

मुजफ्फरपुर। राष्ट्रभाषा हिंदी सहित भारतीय भाषाओं के विकास और शोध के प्रति समर्पित साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी के तत्वाधान में तीन दिवसीय “तिरहुत साहित्य उत्सव- 2024” का आयोजन तीन चरणों में मुजफ्फरपुर सहित तिरहुत प्रक्षेत्र के विभिन्न जिलों में होगा। जिसमें पूरे प्रदेश के नौ भाषाओं के विद्वानों को आमंत्रित किया गया है जो संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका, अंगिका और मगही की भाषण संवेदना और सामाजिक सरोकारों पर व्याख्यान देंगे। उक्त निर्णय आज छोटी सरैयागंज स्थित श्री नवयुवक समिति ट्रस्ट भवन के सभागार में आयोजित राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी के पदाधिकारी की बैठक में लिया गया। अकादमी के विद्वत परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कराधीक्षक देवेंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित साहित्यकारों और संस्कृति कर्मियों कि इस बैठक में तीन दिवसीय तिरहुत साहित्य उत्सव को सफल बनाने के लिए सर्व समिति से 11 सदस्य आयोजन समिति का गठन भी किया गया, जिसका संयोजक अकादमी के निदेशक आचार्य चंद्र किशोर पाराशर को तथा सहसंयोजक साहित्यकार डॉक्टर शिव बालक राय प्रभाकर एवं कथाकार देवेंद्र कुमार को मनोनीत किया गया। डॉक्टर हरीकिशोर सिंह एवं डॉक्टर महेंद्र प्रियदर्शी आयोजन का मीडिया प्रभारी, कवित्री सविता राज एवं मुस्कान केसरी को आयोजन का प्रचार प्रभारी, युवा कवि उमेश राज एवं युवा समाजसेवी अनिल कुमार को जनसंपर्क प्रभारी, साहित्यकार शुभ नारायण शुभंकर तथा सुमन कुमार मिश्रा को सत्र नियोजन प्रभारी, मंचीय व्यवस्था का प्रभार सत्यम पाराशर एवं राघवेंद्र राज राघव को दिया गया है। राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर भगवान लाल साहनी एवं बिहार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉक्टर प्रसून कुमार राय तथा लंगट सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ओम प्रकाश राय को “तिरहुत साहित्य उत्सव- 2024” का संरक्षक बनाए गए है। उक्त जानकारी देते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने बताया कि सन 2018 से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला “तिरहुत साहित्य उत्सव” बिहार का एकमात्र ऐसा प्रादेशिक अस्तर का साहित्यिक आयोजन है जिसमें प्रान्त की पांच लोक भाषाओ सहित कुल नौ भाषाओं की विकास यात्रा एवं उन भाषाओं के साहित्यिक श्री वृद्धि में योगदान करने वाले मूर्धन्य साहित्यकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विशद परिचर्या होती है। साथ ही सामाजिक सरोकार के समकालीन विषयों पर भी परिचर्चा आयोजित की जाती है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष आचार्य पाराशर ने बताया कि राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी के तत्वावधान में प्रतिवर्ष आयोजित “तिरहुत साहित्य उत्सव” विभिन्न संस्थाओं के सहयोग और सहकार से समायोजित होता है तथा इसमें सरकारी निधि का उपयोग नहीं किया जाता है।
आचार्य पाराशर ने बताया कि आगामी शनिवार (28 सितंबर) को “तिरहुत साहित्य उत्सव- 2024” के वैशाली सोपान का आयोजन राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी और देवचंद महाविद्यालय हाजीपुर के संयुक्त तत्वावधान में हाजीपुर स्थित महाविद्यालय के सभागार में किया जाएगा, जिसका उद्घाटन वाजपेई सरकार के पूर्व मंत्री डॉक्टर संजय पासवान करेंगे तथा बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ मुख्य अतिथि के रूप में सहभागी बनेंगे। इस अवसर पर दिनकर साहित्य पर विशद चर्चा होगी तथा विभिन्न भाषाओं की सृजन यात्रा पर भी विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा एवं सर्वभाषा कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। साथ ही विभिन्न भाषा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले साहित्यकारों को “राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर साहित्य साधना सम्मान” प्रदान किया जाएगा। “तिरहुत साहित्य उत्सव” के सारण सोपान का आयोजन आगामी रविवार (29 सितंबर) को सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर प्रांगण मे स्थित सत्संग सभागार में होगा।
आयोजन समिति के अध्यक्ष आचार्य पाराशर ने बताया कि तीन दिवसीय “तिरहुत साहित्य उत्सव” के समापन सोपान का आयोजन राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी एवं लंगट सिंह महाविद्यालय के संयुक्त तत्वधान में आगामी मंगलवार (1 अक्टूबर) को महाविद्यालय परिसर स्थित आचार्य कृपलानी सभागार में भव्य रूप में किया जाएगा जिसका उद्घाटन मुजफ्फरपुर लोकसभा के सांसद और केंद्र सरकार में जल संसाधन विकास मंत्री डॉक्टर राज भूषण चौधरी करेंगे। इस अवसर पर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति सहित जिला के अनेक विधायकों को भी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। आचार्य पाराशर ने बताया कि “तिरहुत साहित्य उत्सव” में अनेक साहित्यिक कृतियों के लोकार्पण के साथ-साथ दिनकर साहित्य पर व्याख्यान एवं भारतीय भाषाओं की दशा और दिशा पर परिचर्चा भी आयोजित किया जाएगा। साथ ही “निर्माल्य” महाकाव्य के रचयिता स्वर्गीय ठाकुर विनय कुमार शर्मा की स्मृति में गद्य और पद्य की विधाओ के मूर्धन्य रचनाकारों को साहित्य साधना सम्मान भी प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के कलाकारों द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, गोपाल सिंह नेपाली, आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री आदि के गीतों की सस्वर प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। “तिरहुत साहित्य उत्सव” के आयोजन समिति ने यह भी निर्णय लिया है की साहित्यिक गतिविधियों को विस्तार देने वाली मुजफ्फरपुर की अनेक संस्थाओं एवं सामाजिक सरोकार रखने वाले मूर्धन्य व्यक्तित्वो को भी “राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति सम्मान” प्रदान किया जाएगा। बैठक के अंत में अपने अध्यक्ष संबोधन में आयोजन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार ने कहा कि यदि इसी प्रकार साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों का सहयोग एवं शिक्षण संस्थाओं का सहकार राष्ट्रकवि दिनकर अकादमी को मिलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब तिरहुत प्रमंडल के सभी जिलों में “तिरहुत साहित्य उत्सव” के अलग-अलग सोपनो का आयोजन किया जाना संभव होगा और इसका केंद्र बिहार की साहित्यिक सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मुजफ्फरपुर होगा। अंत में धन्यवाद ज्ञापन उमेश राज ने किया। बैठक में डॉ. भगवान लाल साहनी,डॉ. रमेश केजरीवाल,डॉ. मिंटू शर्मा, डॉ. हरीकिशोर सिंह,शुभ नारायण शुभंकर, सुमन कुमार मिश्रा,अनिल अनल, अभय कुमार, सविता राज, मुन्नी चौधरी, चंदन कुमार, मुस्कान केसरी, कुमार सागर, अखिलेश प्रसाद सिंह, उमेश राज, सच्चिदानंद तिवारी, अनिल कुमार, राघवेंद्र राज राघव, रेखा शर्मा, डॉ हेम सिंह, चिराग पोद्दार आदि भी थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here