नवादा घटना के बाद गुस्से में नीतीश, पुलिस पदाधिकारियों को दो टूक
दीपक कुमार तिवारी
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को गृह विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को साफतौर पर कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए। उन्होंने रात्रि गश्ती बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी। अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे समय से पूर्ण करें, जिससे दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके।
उन्होंने साफ कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन मुस्तैदी से कार्य करे तथा अपराध नियंत्रण के लिए पूरी सख्ती से कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिए विभिन्न श्रेणियों में 2,29,139 पद स्वीकृत किए जा चुके हैं। फिलहाल, 1,06,436 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। उन्होंने शेष रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली करने के भी निर्देश देते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। जल्द-से-जल्द बचे हुए पदों पर पुलिस की बहाली होने से कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने में और सहूलियत होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं, जिनमें कमी आ रही है। यह अब 46.69 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण हों, जिससे भूमि विवाद को लेकर होने वाली अपराध की घटनाओं में पूरी तरह कमी आए। प्रशासन और पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाए रखे। बैठक में प्रधान सचिव दीपक कुमार, एस सिद्धार्थ, अरविंद कुमार चौधरी, निदेशक सह महासमादेष्टा गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवा शोभा अहोतकर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
ध्यान रहे कि हाल में नवादा में जमीन विवाद को लेकर हिंसा की घटना हुई थी। हालांकि, इसमें कोई घायल नहीं हुआ था, लेकिन दलितों के 34 घर जला दिए गए थे। इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गई थी। तेजस्वी यादव ने बिहार में राक्षसराज और महाजंगलराज बताते हुए नीतीश कुमार पर हमला बोला था। इसे लेकर जीतन राम मांझी ने यादव समुदाय पर आरोप लगाया था। लालू यादव ने कहा कि बिहार नीतीश कुमार से संभल नहीं रहा है और जीतन राम मांझी पूरी तरह गुमराह है। इसके अलावा कई राजनीतिक दलों के नेता घटनास्थल का जायजा लेने भी पहुंच गए थे। इस घटना के बाद नीतीश सरकार की आलोचना हुई थी। जिसके बाद इस बैठक का आयोजन किया गया।