फिर याद आई वो पुरानी बातें

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 पटना। ‘बड़े सरकार’ और ‘छोटे सरकार’ की एक बार फिर मुलाकात हुई। नीतीश कुमार और अनंत सिंह की मुलाकात सियासी गलियारे में चर्चा छेड़ गई। खास बात कि ये मुलाकात अनंत सिंह के गांव बाढ़ के लदमा में हुई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनंत सिंह भी मौजूद थे। नीतीश कुमार की ‘छोटे सरकार’ से इस तरह की मुलाकात कई सालों बाद हुई। अनंत सिंह 16 अगस्त को बेउर जेल से रिहा हुए थे। उन्हें एके-47 और अन्य मामलों में पटना हाईकोर्ट से राहत मिली थी।
जेल से रिहाई के बाद 25 अगस्त को अनंत सिंह ने नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से ही दोनों नेताओं के बीच नजदीकियां बढ़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। अब नीतीश कुमार ने खुद अनंत सिंह से उनके घर जाकर मुलाकात की है। कुछ लोगों का मानना है कि अनंत सिंह जल्द ही जदयू जॉइन कर सकते हैं। नीतीश कुमार और अनंत सिंह के बीच क्या बातचीत हुई, ये अभी तक साफ नहीं है। लेकिन ये मुलाकात बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है।
माना जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अनंत सिंह के नजदीक हो रहे हैं। जी हां, ये बात 16 आने सच है। जल्द ही ‘छोटे सरकार’ एक बार फिर से जदयू के भीतर अपनी ‘सिक्का’ चला सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनंत सिंह से मिलने उनके पैतृक आवास लदमा गए। दोनों नेताओं की मुलाकात भी हुई। मगर, इस मुलाकात के बीच खास बात ये रही कि उनके साथ केंद्रीय मंत्री और पूर्व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी साथ थे। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अनंत की वापसी एक बार फिर से जदयू में होने वाली है। अनंत सिंह एक बार फिर से नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करते नजर आ सकते हैं।
लंबे समय से अनंत सिंह और नीतीश कुमार के बीच तनातनी चल आ रही थी। जिसका नतीजा ये था कि अनंत सिंह सलाखों के पीछे चले गए। उन्होंने जेल के भीतर से अपने हिसाब से राजनीति की। राजद के साथ समझौता किया और चुनाव भी लड़े। लेकिन अब बिहार का राजनीतिक माहौल बदलता नजर आ रहा है। नीतीश कुमार के मन में अनंत सिंह के लिए एक बार फिर से ‘प्रेम’ जागता नजर आ रहा है। जिसका नतीजा यह है कि ‘बड़े सरकार’ नीतीश कुमार ‘छोटे सरकार’ अनंत सिंह से मिलने पहुंच गए। मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही अनंत सिंह जदयू में शामिल होने वाले हैं।
पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह एके-47 और हैंड ग्रेनेड के मामले में पटना के बेउर जेल में बंद थे। लेकिन उन्हें पटना हाईकोर्ट से राहत मिली। पहले कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी। मगर, अनंत सिंह के खिलाफ वो सबूत कम पड़ गए, जिसके आधार पर उन्हें सजा हुई थी। यहां गौर करने वाली बात ये है कि लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह पेरोल पर जेल से बाहर आए थे। इस दौरान उन्होंने मोकामा से लोकसभा सांसद और वर्तमान के केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के लिए वोट मांगे थे। मोकामा अनंत सिंह का गढ़ है। माना जाता है ललन सिंह और अनंत सिंह के समझौते के बाद ही मोकामा से ललन सिंह की जीत आसान हो पाई।

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