स्वरोजगार का साधन बना मशरूम उत्पादन : डा एसके गंगवार

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देश के युवा युवतियां मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में तलाश रही भविष्य

सुभाषचंद्र कुमार

समस्तीपुर । मधुबनी जिला अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र सुखैत परिसर में 30 दिवसीय मशरूम उत्पादन विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ़ इंडिया (एएससीआई) के अंतर्गत प्रारंभ किया गया। इस कार्यक्रम में 25 प्रशिक्षणार्थियों का चयन प्रशिक्षण हेतु किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्र के वरिय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ एसके गंगवार द्वारा किया गया।

उन्होंने कार्यक्रम में आए समस्त प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत करते हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की महत्व एवं भविष्य में मशरूम उत्पादन से जुड़ी संभावनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार युवा मशरूम उत्पादन को अपनाकर सफल उद्यमी के रूप में अपने आप को आगे बढ़ा सकते हैं एवं मशरुम के उपभोग से मानव स्वास्थ्य लाभ में होने वाले विभिन्न फायदा को बताया।

देश के युवा युवतियां मशरूम प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार के दिशा में आगे बढ़ रहे है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ राहुल सिंह राजपूत प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम उत्पादन से संबंधित विभिन्न मुख्य बिंदुओं पर संक्षिप्त जानकारी देते हुए आने वाले दिनों में प्रयोगिक कक्षाओं के माध्यम से मशरूम उत्पादन के बारे में सुनिश्चित किया गया।

सौरभ चौधुरी द्वारा मशरूम उत्पादन के पश्चात बचे हुए अवशिष्ट प्रबंधन हेतु जैविक खाद निर्माण करने के बारे में जानकारी प्रदान की गई। इंजी. जोगेंद्र सोरेन द्वारा मशरूम उत्पादन के पश्चात इसके प्रोसेसिंग के माध्यम से मूल्य वृद्धि उत्पादों के निर्माण के बारे में जानकारी प्रदान की गई। प्रथम दिन कार्यक्रम समापन के समय सभी प्रशिक्षणर्थियों को कार्यक्रम की रूपरेखा एवं प्रयोग कक्षाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

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