अखिलेश सिंह बोले- मामला सीरियस, लालू यादव के दावे को हल्के में मत लेना
दीपक कुमार तिवारी
पटना। बिहार में राजनीति गरमा गई है आरजेडी प्रमुख लालू यादव के केंद्र सरकार गिरने के बयान पर जदयू और बीजेपी नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। वहीं, कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि लालू जी जैसे व्यक्ति अगर इस तरह की बात बोलते हैं तो उसको सीरियस लेना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के बयान, ’99 सांसद वाले खुश हैं, लूडो नहीं खेले हैं क्या? जब 99 पर सांप काटता है तो एक पर चले आते हैं।’ पर अखिलेश सिंह ने कहा कि भारत सरकार के मंत्री इस तरह का बयान देते हैं। प्रजातंत्र और जम्हूरियत, संविधान की तुलना अगर लूडो गेम से हो रहा है, वहां ऊपर वाला ही मालिक है।
बिहार में हाल ही में हुए पुल हादसे पर अखिलेश सिंह ने कहा कि खेल हो चुका है और जनता आने वाले चुनाव में इसका करारा जवाब देगी। जिस तरह से टेंडर हुआ है, जिस तरह से टेंडर लोगों को मिलता है, इस राज्य के बाहर के लोगों को और सब कुछ जनता को मालूम है कि किस तरह से ठेकेदारों को बहाल किया जा रहा है, उनको टेंडर अवार्ड किया जा रहा है और उसी का नतीजा है कि लगातार पुल गिर रहा है।
तेजस्वी यादव के द्वारा अपराध को लेकर लगातार एनडीए पर हमला करने और ट्वीट करने पर अखिलेश सिंह ने कहा कि मैंने अभी जैसा स्थिति कभी नहीं देखा है। सरकार इसको सीरियसली नहीं ले रही है। कोई जिला ऐसा बिहार का नहीं है जहां हर सप्ताह कोई ना कोई हत्या नहीं हो रहा। पुलिस प्रशासन को, जिला प्रशासन को, मुख्यमंत्री जी को थोड़ा कड़ाई से पेश आना चाहिए और जहां इस तरह से वारदात हो रहे हैं, वहां एसएसपी को हटाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि लालू यादव को नीतीश कुमार ने जीवित कर दिया है, तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार का लॉकेट लेकर चलना चाहिए। इस बयान पर अखिलेश सिंह ने कहा कि इस तरह के बेतुका बात पर हम लोग क्या प्रतिक्रिया दे सकते हैं। मैंने पहले ही कहा कि भारत सरकार के जो मंत्री हैं, उन लोगों को जनता की बात करनी चाहिए, अपना डेवलपमेंटल एजेंडा को बिहार के लोगों के सामने रखना चाहिए ना कि इधर-उधर की इस तरह की बातें करनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना पर अखिलेश सिंह ने कहा कि समाज में जिस तरह से अंधविश्वास व्याप्त है, जैसे महाराष्ट्र में कानून बना है, वैसे देश में कानून बनना चाहिए और जो बाबा के चक्कर में सैकड़ों लोगों की जान गई, बाबा फरार है, अभी तक पकड़ा भी नहीं गया है। उत्तर प्रदेश शासन को सीरियसली लेना चाहिए और इस तरह का ढकोसला और अंधविश्वास को जो लोग बढ़ावा देते हैं, उनको कानून बनाकर अंदर करना चाहिए।