कृषि क्षेत्र में महिला श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका

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लघु व सीमांत किसानों के लिए उपयोगी कृषि यंत्र

सुभाषचंद्र कुमार

समस्तीपुर। देश के कृषि क्षेत्रों में महिला श्रमिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। खेती के विभिन्न कार्यों में उपयोग में आने वाले उन्नत कृषि औजार एवं यंत्र मुख्यत: पुरुषों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं की शारीरिक बनावट, सरंचना, शिक्षा का स्तर, अनुभव और कौशल अलग-अलग है, जिसके अनुरूप उन्हें अलग तकनीकी की आवश्यकता होती है। पुरुषों के लिए बनाए गए इन यंत्रों के संचालन में महिलाओं को तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे कम उत्पादन के साथ स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।

अतः महिलाओं के लिए उपयोगी कुछ हस्तचालित औजारों एवं उपकरणों का विवरण यहां दिया गया है। संचालन में महिलाओं को तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे कम उत्पादन के साथ स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। खेती में महिला श्रमिक कृषि, आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। देश की लगभग दो-तिहाई से भी अधिक जनसंख्या इस पर निर्भर है।

बढ़ती हुई आबादी के लिए भोजन, पशु आहार व रेशों की आपूर्ति में इस क्षेत्र की अहम भूमिका है। इसके अलावा जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को इससे रोजगार तथा विविध उद्योगों के लिए कच्चा माल भी प्राप्त होता है। भारत में कृषि तथा संबंद्ध गतिविधियों में संलग्न मानव श्रमिक लगभग 250 मिलियन हैं, जिनमें से लगभग 63 प्रतिशत पुरुष श्रमिक तथा 37 प्रतिशत महिला श्रमिक हैं। वर्ष 2025 तक देश में कृषि श्रमिकों की संख्या लगभग 350 मिलियन हो जाएगी, जिसमें से 45 प्रतिशत महिला श्रमिक होंगी।

देश में इन महिला कृषि श्रमिकों के लिए कम मशक्कत वाले कृषि उपकरणों का विकास किया जा रहा है।मेड़ बनाने का उपकरण(हैंड रिजर)
यह उपकरण कृषक महिलाओं द्वारा खेत में सिंचाई के लिए नाली बनाने के लिए, मेड़ पर लगाई जाने वाली सब्जियों गन्ना रोपाई आदि के लिए फरो तथा मेड़-निर्मित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

यह एक सरल श्रम बचाने वाला उपकरण है, जिसे सिंचित अवस्था में उगाई जाने वाली फसलों में छोटी मेड़ों का निर्माण करने के लिए दो महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। इसमें एक हैंडल, मेड़ बनाने का शियर तथा ‘टी’ प्रकार की खींचने की बीम लगाई गई है। इस यंत्र की कार्य क्षमता 0.03 हेक्टेयर/घंटा, शक्ति स्त्रोत दो महिलाएं तथा अनुमानित कीमत 700 रुपये है।

 

हस्तचालित बीज बुआई यंत्र/ड्रिल

 

इस यंत्र का उपयोग गेहूं, सोयाबीन, मक्का, चना, अरहर में बुआई के लिए किया जाता है। इसमें एक हैंडल, बीज के लिए हॉपर, एक ग्राउंड व्हील (पहिया), एक नलिकाकार रोलर तथा ड्रिल को खींचने के लिए एक हुक लगाया गया है। बीजों की मीटरिंग (मापन) नलिकाकार रोलर की सहायता से की जाती है। बीज बुआई यंत्र को दो श्रमिकों द्वारा चलाया जाता है।

एक इसे खींचता है तथा दूसरा इसे सही दिशा व गति से धकेलता है। इस मशीन की क्षमता 430 मीटर प्रति घंटा है। पारंपरिक विधि की आदि के बीजों की कतार तुलना में इसका कार्यनिष्पादन 18 गुना अधिक है। बीज ड्रिल के प्रयोग से पारंपरिक विधि में झुककर प्रचालन मुद्रा से भी छुटकारा मिलता है। इस उपकरण से एक कतार में बुआई की जा सकती है। इससे निराई-गुड़ाई में यांत्रिक साधनों का अधिकाधिक उपयोग करके लागत कम की जा सकती है व कठोर श्रम से भी बचा जा सकता है।

इसके साथ ही बीजों की भी बचत होती है। इसका अनुमानित मूल्य 5,000 रुपये है।कोनो वीडर या निराई यंत्र इसका उपयोग धान की फसल में खेत में कतारों के बीच की खरपतवार को उखाड़कर उसे मिट्‌टी में मिला देने में किया जाता है।

एक लंबे हैंडल (हत्थे) के नीचे दो ट्रंकेटेड रोलर्स को एक के पीछे एक लगाया गया है। कोनाकार रोलर्स में सिरों पर दांतेदार ब्लेड्‌स लगाए गए हैं। आगे के भाग में एक फ्लोट लगाया गया है, जो इस इकाई को मिट्‌टी में धंसने से बचाता है। कोनो निराई यंत्र से मिट्‌टी की ऊपरी सतह को पलटा जा सकता है, जिससे मिट्‌टी को आवश्यक हवा मिलती है।

इस उपकरण को सीधे खड़े होकर चलाया जाता है। इससे पारंपरिक विधि से आगे झुककर हाथों द्वारा खरपतवार उखाड़ने से छुटकारा मिलता है। इस यंत्र की कार्य क्षमता 120 मीटर2 प्रति घंटा है। इससे श्रमिकों को कीचड़युक्त खेतों में कठोर श्रम करने से राहत मिलती है। इस यंत्र का मूल्य 1,900 रुपये है।

 

द्विपहिया निराई यंत्र

 

कतारों के बीच की खरपतवार उखाड़ने व निराई-गुड़ाई कार्य के लिए यह एक हस्तचालित उन्नत ‘हो’ निराई यंत्र है। इसमें एक टि्‌वन व्हील एक ‘V’ (वी आकार) की ब्लेड को ‘U’ क्लैम्प की सहायता से जोड़ा गया है। खेत में खड़े होकर प्रचालक द्वारा द्विपहिया ‘हो’ को आगे धकेलकर एवं अपनी ओर खींचकर प्रचालित किया जाता है। इस यंत्र का व्यावसायीकरण किया गया है और इसे किसानों द्वारा प्रयोग किया जा रहा है।

इस यंत्र की कार्य क्षमता 0.015 हैक्टर/घंटा, शक्ति स्त्रोत एक महिला और अनुमानित कीमत 800 रुपये है।
उन्नत दांतेदार हंसिया (सिकल)
इस यंत्र को भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल द्वारा विकसित किया गया है। इस यंत्र का उपयोग पतले डंठल वाली फसलों जैसे गेहूं, सोयाबीन, धान, चना, सरसों और घास आदि की कटाई करने के लिए किया जाता है। इसमें दांतेदार ब्लेड, सामी और लकड़ी के हैंडल लगे होते हैं।

इसका वजन 180 ग्राम है। इसके कम वजन के कारण कलाई पर आने वाली थकान कम होती है। कटाई में शामिल कठिन श्रम को स्थानीय हंसिया, जो कि भारी होता है यानी लगभग 350 ग्राम वजन की तुलना में इसे कम किया गया है। यह अपने एर्गोनोमिकल डिजाइन के कारण श्रमिकों को सुरक्षा भी प्रदान करता है। इस यंत्र की कार्य क्षमता 0-015 हैक्टर प्रति घंटा है और इसका मूल्य 60 रुपये है। फसल के डंठल की कटाई दांतेदार हंसिया के साथ आरी क्रिया के रूप में की जाती है, जो कि स्थानीय सिकल के मामले में खींचने की क्रिया द्वारा किया जाता है।

दांतेदार धारियों को बार-बार धार करने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि वे आरी क्रिया की कटाई के कारण स्वतः तीक्ष्ण होते हैं।

 

उर्वरक छिड़काव यंत्र

 

इसका प्रयोग खेत में दानेदार उवर्रक के एक समान छिड़काव के लिए किया जाता है। इस यंत्र में एक एजीटेटर दोलक सहित एक हॉपर, फैलाने वाली डिस्क, गियर, हैंडल सहित कैंक, कंधे पर रखने के लिए पैड, रियर पैड पट्‌टों सहित लगाए गए हैं। इस छिड़काव यंत्र को छाती की ओर सामने रखकर चलाया जाता है। इसे पट्‌टों की सहायता से पहन लिया जाता है।

श्रमिक को इसकी सहायता से उर्वरक का छिड़काव खेत से 2.5 मीटर दूर रहकर करना चाहिए। प्रचालन के दौरान एक बार फेरा लगाने के बाद 5 मीटर की दूरी से पुनः छिड़काव करना चाहिए। उर्वरक की हॉपर में शेष मात्रा पारदर्शी ढक्कन के आरपार देखी जा सकती है ताकि इसे खाली होने पर पुनः भरा जा सके। यह उपकरण 10 से 20 कि.ग्रा. क्षमता में उपलब्ध है। इस उपकरण की सहायता से एक श्रमिक 1.15 हैक्टर प्रति घंटे की दर से खेत में दानेदार उवर्रक का छिड़काव कर सकता है।

 

मूंगफली फली तुड़ाई यंत्र

 

मूंगफली की फलियों को पौधों से अलग करने के लिए इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है। इस फली तुड़ाई यंत्र (स्ट्रिपर) में चौकोर आकार का फ्रेम ऊर्ध्वाधर सहारों पर स्थित है, जिसमें फ्रेम के प्रत्येक ओर क्षैतिज दिशा में कंघी के आकार की धातु पटि्‌टयां लगाई गई हैं। फलियों की तुड़ाई के लिए मूंगफली के पौधों को कंघीनुमा पटि्‌टयों में फंसाकर खींचा जाता है।

इस धातु की बनी संरचना पर एक साथ चार महिलाएं कार्य कर सकती हैं। इसकी क्षमता 11 कि.ग्रा. मूंगफली प्रति घंटा प्रति महिला है। पारंपरिक फलियों की तुड़ाई में 200 कि.ग्रा. की तुलना में इस यंत्र के उपयोग से उच्च कार्य निष्पादन क्षमता 350 कि.ग्रा. फलियां प्रतिदिन प्राप्त की जा सकती हैं। इसके उपयोग से पैर मोड़कर बैठने वाली मुद्रा से भी छुटकारा मिलता है, जिससे घुटनों पर दबाव कम पड़ता है।

पारंपरिक प्रक्रिया की तुलना में मूंगफली फली तुड़ाई यंत्र (स्ट्रिपर) में श्रमिकों के प्रति इकाई हृदय दबाव में लगभग 79 प्रतिशत की कमी हुई। स्ट्रिपर यंत्र का अनुमानित मूल्य 2,500 रुपये है।
मूंगफली फोड़क यंत्र (खड़े होकर चलाने वाला)
यह ग्रामीण महिलाओं के लिए बनाया गया एक हस्तचालित उपकरण है, जो फली से दाने को अलग करता है। इस उपकरण को खड़े होकर आसानी से महिलाओं द्वारा प्रचालित किया जाता है।

 

इस इकाई में एक प्रेफम, हैंडल तथा इधर-उधर हिलने वाली छलनी होती है, जिसमें आयताकार छेद होता है। एक बार में 2 कि.ग्रा. फली फोड़ने के लिए इसमें डाली जाती है, जिसे अवतल तथा दोलन करने वाली लोहे/नायलॉन शू लगी हुई थ्रेड के बीच फोड़ा जाता है। इस यंत्र की कार्य क्षमता 40 कि.ग्रा./घंटा, शक्ति स्रोत एक महिला और अनुमानित कीमत 2,400 रुपये है।

 

मूंगफली फोड़क यंत्र (बैठकर चलाने वाला)

 

यह ग्रामीण महिलाओं के लिए बनाया गया एक हस्तचालित उपकरण है, जो फली से दाने को फोड़कर अलग करता है। इस उपकरण को चौकी पर बैठकर आसानी से महिलाओं द्वारा प्रचालित किया जाता है। इस इकाई में एक फ्रेम, हैंडल तथा इधर-उधर हिलने वाली छलनी होती है, जिसमें आयताकार छेद होता है। एक बार में 1.5 कि.ग्रा. फली फोड़ने के लिए इसमें डाली जाती है। इसे अवतल तथा दोलन करने वाली लोहे/नायलॉन शू लगी हुई थ्रेड के बीच फोड़ा जाता है। इस यंत्र की कार्य क्षमता 30-35 कि.ग्रा./घंटा, शक्ति स्रोत एक महिला और अनुमानित कीमत 2,400 रुपये है।

 

नलिकाकार मक्का शेलर यंत्र

 

यह हाथ से चलाया जाने वाला औजार है, जिससे छीले गए भुट्‌टों से मक्के के दाने निकाले जा सकते हैं। इस इकाई में कलईयुक्त पाईप की अंदरूनी परिधि में चार टेपर्ड फिन्स लगाए गए हैं। इकाई को बायें हाथ तथा भुट्‌टे को दायें हाथ में पकड़कर इकाई में डालकर घुमाया जाता है, जिससे दाने अलग किए जा सकते हैं। यह इकाई अष्टकोणीय डिजाइन में उपलब्ध है।

इस यंत्र की कार्य क्षमता 20-25 कि.ग्रा./घंटा, शक्ति स्रोत एक महिला और अनुमानित कीमत 60 रुपये है।
नवीन रोपछिद्रक (डिबलर)
यह खेत में बड़े या मध्यम बीजों की बुआई करने या अंतर को पूरा करने के लिये हस्तचालित उपकरण है। नवीन डिबलर का उपयोग कम क्षेत्र में बड़े या महंगे/ दुर्लभ बीजों के लिए किया जाता है। यह छोटे खेतों अथवा पहाड़ी क्षेत्रों में सोयाबीन, ज्वार, चना तथा मक्के की बुआई के लिये उपयुक्त हैं। इस डिबलर में जबड़े के प्रकार के बीज प्लेसमेंट डिवाइस, सेल प्रकार के मीटरिंग तंत्र, रोलर और जबड़े के लिए लीवर टाइप पॉवर ट्रांसमिशन सिस्टम और डिलीवरी सिस्टम के साथ बीज बॉक्स होते हैं।

खेत में बोए जाने वाले बीज को भरने के बाद कार्यकर्ता को वांछित स्थान पर डिबलर रखना चाहिए। जबड़े को खोलने के लिए लीवर (डिबलर के सामने) को धीरे से धक्का देना चाहिए। ताकि बीज गिर जाए। इस यंत्र की कार्य क्षमता 150 मीटर2 प्रति घंटा है। यह झुकने वाले आसन से भी बचाता है, जिसे आमतौर पर पारंपरिक पद्धति में अपनाया जाता है।

लाइन बुआई इन उपकरणों के साथ की जाती है, जो यांत्रिक खरपतवारों के उपयोग को बढ़ावा देते हैं। इससे खरपतवार के नियंत्रण की लागत में कमी आती है। बीज की भी बचत होती है। इसकी लागत 700 रुपये है।
घूमने वाला छिलाई यंत्र

 

(रोटरी मक्का शेलर यंत्र)

 

यह छीले गए मक्के के भुट्‌टों से दाने अलग करने के लिए उपयोगी यंत्र है तथा व्यावसायिक तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसे हाथ से प्रचालित किया जाता है। इसमें एक ढांचा, एक फ्रलाई व्हील, एक हॉपर तथा तीन छिलाई (रोलिंग) गियर लगाए गए हैं।
प्रचालक एक हाथ से भुट्‌टे मशीन में भरता है तथा दूसरे हाथ से उपकरण को प्रचालित करता है।

छीले गए भुट्‌टे दूसरी ओर सिरे से बाहर निकल आते हैं। इस उपकरण की क्षमता 73 कि.ग्रा. प्रति घंटा है। पारंपरिक प्रक्रिया की तुलना में घूमने वाले इस छिलाई यंत्र के प्रयोग से हृदय दबाव में 32 प्रतिशत का फर्क पड़ा। इसमें प्रचालक की उंगलियों को किसी प्रकार की चोट लगने की आशंका नहीं रहती है। अतः यह श्रमिकों के लिए सुरक्षित है। इसका अनुमानित मूल्य 6,000 रुपये है।

 

पैडलचालित धान थ्रेशर

 

इस यंत्र का उपयोग धान थ्रेशिंग में किया जाता है। इस थ्रेशर में एक सिलेंडर लकड़ी/एल्यूमीनियम स्ट्रिप्स के साथ होता है। इस थ्रेशर में वायर लूप बनाकर उन्हें इन पट्‌टियों पर जड़ा/वेल्ड करके जोड़ा गया है। पैर के पैडल से सिलेण्डर को शक्ति संचरण प्रणाली (पॉवर ट्रांसमिशन सिस्टम) के माध्यम से एक रोटरी गति दी जाती है। धान के बंडलों को इस घूमते हुए सिलेंडर पर पकड़कर रखा जाता है, जिससे धान की थ्रेशिंग होती है।

इसकी क्षमता 35 कि.ग्रा. प्रति घंटा है। इससे धान की थ्रेशिंग के दौरान झुककर कार्य करने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे कठोर श्रम में कमी देखी गई। साथ ही हाथों को कंधों से ऊपर देर तक उठाकर नहीं रखना पड़ता है, जैसा कि पारंपरिक विधि में अर्थात चबूतरे या पत्थर पर धान के बंडल को बार-बार पटका जाता है। इसका अनुमानित मूल्य 5,500 रुपये है।

 

हस्तचालित द्विछलनी अनाज सफाई यंत्र

 

यह थ्रेशिंग के बाद ठूंठ, भूसी और मिट्‌टी आदि जैसी अशुद्धियों को गेहूं, चना, सोयाबीन तथा अन्य अनाजों और दलहनी फसलों से अलग करता है। यह एक बैंच प्रकार का उपकरण है जिसमें सफाई के लिए अनाज को एक निश्चित मात्रा में डाला जाता है। यह इकाई वर्तमान में अनाज साफ करने की पारंपरिक प्रक्रिया जैसे हवा या क्षैतिज/ऊर्ध्वाधर छलनियों को प्रतिस्थापित करने के लिए बनाई गयी है।

इसमें एक मुख्य ढांचा, ऊपरी अनाज सफाई तथा निचली अनाज श्रेणीकरण छलनियां, ड्रेपर रॉड, हत्था शटर आदि लगाए गए हैं। इसे चार रस्सियों के साथ किसी ऊंचे स्थान पर बांधकर प्रचालित किया जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि इसका हैंडल कमर की ऊंचाई के बराबर रहे। इस इकाई में 5-10 कि.ग्रा. अनाज भरकर इकाई को हाथ से आगे-पीछे हिलाकर अनाज साफ किया जाता है। इस यंत्र की कार्य क्षमता 150-225 कि.ग्रा. प्रति घंटा (गेहूं-150, चना-200, सोयाबीन-225), शक्ति स्रोत एक महिला और अनुमानित कीमत 4,500 रुपये एवं बोरा लटकाने की चौखट की कीमत 1,200 रुपये है।

 

पैडलचालित अनाज सफाई यंत्र

 

इस मशीन का उपयोग अनाजों की सफाई व श्रेणीकरण के लिए किया जाता है। इस मशीन के स्क्रीन एवं वायु ब्लोअर की गति को समायोजित करके बहुउपयोगी बनाया जा सकता है। इसकी कार्य क्षमता 330 से 880 कि.ग्रा. प्रति घंटा है। इसमें 0.5 अश्वशक्ति की एकल फेज विद्युत मोटर एवं एक प्रचालक की आवश्यकता पड़ती है।

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