कोलंबो, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जहां कोविड-19 मामलों में संभावित वृद्धि को लेकर आगाह किया है, वहीं श्रीलंकाई लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर न थूकने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि उन्हें कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। पुलिस पर्यावरण प्रभाग के निदेशक, एसएसपी रोशन राजपक्षे ने कहा कि कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की सलाह दी गई है।
इस बीच, त्योहारी सीजन से पहले कोविड-19 महामारी से लड़ते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य निरीक्षकों (पीएचआई) ने जोर देकर कहा है कि उपभोक्ताओं, सार्वजनिक विक्रेताओं और सार्वजनिक परिवहन प्रदाताओं सहित कानूनों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जन स्वास्थ्य निरीक्षक संघ (पीएचआईयू) के अध्यक्ष उपुल रोहाना ने कहा कि क्षेत्रीय जन स्वास्थ्य निरीक्षकों को स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की सलाह दी गई है।
उन्होंने चेतावनी दी कि बड़ी संख्या में एकत्र होने वाले उपभोक्ताओं और स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लगभग छह महीने के लंबे यात्रा प्रतिबंधों में ढील देते हुए 1 नवंबर को श्रीलंका सरकार ने सार्वजनिक परिवहन के संचालन की अनुमति दी थी, लेकिन निर्देश दिया था कि यात्रियों को बैठने की क्षमता को सख्ती से सीमित किया जाना चाहिए।
पीएचआई ने कहा है कि भले ही कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया के लिए खतरा पैदा कर दिया हो, लेकिन श्रीलंकाई लोगों ने स्थिति को हल्के में लिया है। शुक्रवार (3 दिसंबर) को श्रीलंका में पहला ओमिक्रॉन संक्रमित कोविड रोगी पाया गया, जो नाइजीरिया से आया था।
द्वीप देश में बुधवार रात तक, 24 घंटे की अवधि में 757 नए संक्रमित पाए गए। साथ ही 28 मौतों की सूचना दी गई। नवीनतम आंकड़ों से कुल मृत्युदर बढ़कर 14,533 तक पहुंच गई है।