जलवायु परिवर्तन भविष्य में कृषि के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती : डॉ एनएस राठौर

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डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में केंद्रीय कृषि विवि पूसा अग्रणी

मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को लेकर भी किसानों को सचेत रहने की जरूरत

सुभाष चंद्र कुमार
समस्तीपुर पूसा। डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित विद्यापति सभागार में कृषि एवं संबद्ध विषयों के स्नातकोत्तर छात्रों के लिए कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इस कान्क्लेव में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी तथा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फाल के छात्रों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए पूर्व कुलपति और पूर्व डीडीजी एजूकेशन डॉ एनएस राठौर ने छात्रों को कृषि से संबंधित विश्व भर में हो रहे बदलावों के बारे में विस्तार से बताया।

 

उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि विवि पूसा विश्वविद्यालय कुलपति डॉ पीएस पांडेय के नेतृत्व में डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में देश भर में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कृषि एवं कृषि विश्वविधालय को नई चुनौतियों से सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन आने वाले समय में कृषि के क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती है जिसके लिए अभी से तैयारी करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता भी अत्यधिक मात्रा में खाद और कीटनाशक के प्रयोग के कारण प्रभावित हो रही है। मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को लेकर भी सचेत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छात्रों में नई एवं ऊंची सोच होती है वे सकारात्मक ऊर्जा के साथ इन चुनौतियों से निपटने के बारे में गंभीरता से विचार करें जो भविष्य में आने वाली हैं।

कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पहली बार स्नातकोत्तर छात्रों के लिए कान्क्लेव का आयोजन कर रहा है। इस कान्क्लेव में छात्रों को अपने अनुसंधान के बारे में अन्य छात्रों और शिक्षकों से चर्चा करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के अनुसंधान को महत्व देने के लिए विश्वविद्यालय एक डेडिकेटिड जर्नल भी शुरू कर रहा है जिसमें छात्रों के अनुसंधान के एबस्ट्रैक्ट को प्रकाशित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र केंद्रित निर्णय ले रहा है। निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि विश्वविद्यालय को पिछले डेढ़ साल में ग्यारह पेटेंट प्रदान किया गया है। उन्होंने ड्रोन पायलट ट्रेनिंग सहित अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

डीन पीजीसीए डॉ मयंक राय ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कान्क्लेव के उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डा संतोष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव डा मृत्युंजय कुमार, डीन डा अंबरीश कुमार, डा उषा सिंह, निदेशक छात्र कल्याण डॉ रमन त्रिवेदी, डॉ मुकेश कुमार, शश्य विज्ञान विभाग के प्राध्यापक सह जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ रत्नेश कुमार झा, सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न वैज्ञानिक शिक्षक एवं पदाधिकारी मौजूद थे।

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फाल तथा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के तीन सौ से अधिक छात्र छात्राओं ने शिरकत किया।

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