अभिजीत पांडे
पटना । बिहार के चुनाव में संतानों की संख्या पर सियासत तेज हो गई। चुनाव अभी से तीखा होते दिख रहा है। एक ओर सीएम नीतीश कुमार ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बच्चों की संख्या पर तंज किया। तो पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भाजपा नेताओं के परिवार केसहित कई महापुरुषों के पारिवारिक सदस्यों की गणना कर दी।
बिहार के चुनाव में अब संतानों की संख्या को लेकर सियासत शुरू हो गयी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बच्चों की संख्या को लेकर तंज कसा था तो सोमवार को लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव ने भाजपा के कई नेताओं सहित कई महापुरुषों के पारिवारिक सदस्यों की गणना कर दी।पत्रकारों से चर्चा करते हुए तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए हमेशा सम्मान रहेगा। वे खुद नहीं बोलते हैं उनसे बुलवाया जाता है।
तेजस्वी यादव कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके अभिभावक और पिता तुल्य हैं। उनके परिवार पर बोलने से पहले उनको जानना चाहिए कि जिन्होंने इस देश का संविधान लिखा था, वे 14 भाई बहन थे। बाबा साहब खुद 14 वें नंबर पर थे। इसके आगे उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस जी भी 14 भाई बहन थे और खुद वे आठवें नंबर पर थे।
तेजस्वी ने कहा इतना ही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पांच भाई-बहन हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई भी सात भाई-बहन थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी 6 भाई-बहन हैं, जबकि उनके दादा सात भाई-बहन थे। यही नहीं, उनके एक चाचा नरसिंह दास जी के आठ बच्चे हैं। गृह मंत्री अमित शाह सात भाई-बहन हैं और वह खुद सातवें नंबर पर हैं।
भाजपा के पटना साहिब से प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद जी सात भाई-बहन हैं।इसके आगे तेजस्वी ने कहा कि तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव के 10 भाई-बहन हैं। राष्ट्रगान लिखने वाले रवीन्द्रनाथ टैगोर जी 7 भाई-बहन थे। प्रखर विद्वान पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी जी के 14 बच्चे थे। देवगौड़ा जी के छह बच्चे हैं, नरसिम्हा राव जी के आठ बच्चे थे।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी से जो लोग बुलवा रहे हैं, पहले उनको यह सब देख लेना चाहिए था। यह कोई मुद्दा नहीं है और बात मुद्दे की होनी चाहिए।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि नीतीश कुमार क्यों नहीं विशेष राज्य के दर्जे, विशेष पैकेज की मांग कर रहे हैं। बिहार के विकास की बात होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री जी से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि वे नफरत की राजनीति करना छोड़ें। देश का नौजवान, बुजुर्ग, व्यवसाई , किसान, माताए- बहनें सभी का अर्जुन की तरह एक ही निशाना है गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और खराब अर्थव्यवस्था। यही असल मुद्दा है। प्रधानमंत्री बताएं कि उनका क्या विजन है, आपने 10 साल में क्या किया। मुद्दों पर बात नहीं करना उनके लिए यह शोभा नहीं देता है।