मृदा पोषण के क्षेत्र में उर्वरक विक्रेताओं की अहम भूमिका : डा रमण त्रिवेदी

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जिले के विभिन्न प्रखंडों से 40 उर्वरक विक्रेताओं की शुरू हुई प्रशिक्षण। मिट्टी, मनुष्य एवं वातावरण को स्वस्थ रखने की जरूरत

 

समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केन्द्र, बिरौली, के सभागार में 40 उर्वरक विक्रेताओं के लिए आयोजित “उर्वरक अनुज्ञप्ति हेतु समेकित पोषक तत्व प्रबंधन” विषय पर 15 दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा. रमण त्रिवेदी, निदेशक छात्र कल्याण, डा. मधुसूदन कुण्डू निदेशक प्रसार शिक्षा ने किया। साथ ही सत्र को संबोधित करते हुए निदेशक छात्र कल्याण डा रमण त्रिवेदी ने प्रशिक्षणार्थीयों को सक्षम प्रसार कार्यकर्त्ता मानते हुए किसानों को संतुलित उर्वरक का प्रयोग कराने की अपेक्षा की तथा मिट्टी, मनुष्य एवं वातावरण को स्वस्थ बनाने के लिए प्रेरित किया।


केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान, डा. रविन्द्र कुमार तिवारी ने प्रशिक्षणार्थियों को मृदा पोषण के क्षेत्र में उनकी अहम भूमिका से अवगत कराते हुए उन्हें किसानों को उर्वरक की सही मात्रा तथा उनके उचित प्रयोग बताने की सलाह दी। उन्होंने प्रशिक्षण की अवधि में विश्वविद्यालय से आमंत्रित किये जाने वाले मृदा पोषण एवं फसल उत्पादन विशेषज्ञों के द्वारा दिये जाने वाला जानकारी का पूर्ण लाभ लेने का आह्वान किया। कृषि विज्ञान केन्द्र के भारती उपाध्याय, विषय वस्तु विशेषज्ञ (फसल उत्पादन-सह-प्रशिक्षण समन्यवयक) ने समेकित पोषण प्रबंधन के बारे में विस्तार से प्रशिक्षकों को बताया। कार्यक्रम का मंच का संचालन भारती उपाध्याय ने किया। प्रशिक्षण के दौरान ई. विनिता कश्यप, डा. संचिता घोष, अभिलिप्सा विश्वाल, निशा रानी, विद्यापति चौधरी आदि ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।

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