आपने अक्सर देखा और सुना होगा की महिलाओं के उप्पर घरेलू हिंसा की जाती है। हमारा भारतीय कानून सबको एक सामान मानता है, चाहे कोई महिला हो, या कोई पुरुष हो। फिर भी महिला के उप्पर ही क्यों अत्याचार किये जाते है हलाकी आप भी यही सोच होंगे की ये सब तो पहले हुआ करता था आज के जमाने में तो ऐसे मामले बहुत काम हो गए है लेकिन ऐसा नहीं है आज भी कई ऐसे मामले सामने आते है जहा महिला अक्सर घरेलू हिंसा का शिकार बनती है । जब बात घरेलू हिंसा की होती है तो यह माना जाता है कि इस प्रताड़ना को केवल गांव-कस्बों की अनपढ़ महिलाओं को ही झेलना पड़ता है। जबकि यह पूरी तरह से सच नहीं है। आज भले ही समाज तरक्की कर रहा हो और चारों ओर प्रगति हो रही हो। लेकिन महिलाओं के प्रति लोगों की सोच आज भी रूढ़िवादी ही है। यहां तक कि घर की चारदीवारी के भीतर वे शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना की शिकार होती है। इनमें केवल अनपढ़ या अपने पति पर आर्थिक रूप से निर्भर स्त्री ही शामिल नहीं है, बल्कि अच्छे घराने से संबंध रखने और लाखों-करोड़ों कमाने वाली एक्ट्रेसेस भी शामिल हैं।
घरेलू हिंसा का अब एक और दर्दनाक मामला चेन्नई से आया है जहा चेन्नई की एक अदालत में 9 साल की एक बच्ची की गवाही ने उसके पिता अब्दुल खादर को दोहरे हत्याकांड के लिए दोषी ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बच्ची ने बताया कि कैसे उसके पिता ने उसकी मां और नाना पर बीयर की बोतलों और प्रेशर कुकर से हमला करके उनकी हत्या कर दी। बच्ची ने बताया ‘अब्बू शराब पीकर आए। हाथ में बीयर की बोतलें थीं। अम्मी से झगड़ा हुआ और उन्हें पीटने लगे। मैं बीच में आई तो मुझे धक्का दे दिया, जिससे मैं दीवार पर टकराकर गिर गई। बचाव करने आए नाना को भी पीटा। अब्बू ने बीयर की बोतलों से अम्मी को पीटा। रसोई में रखे प्रेशर कुकर से उनके सिर पर कई वार किए। मां के सिर और चेहरे से खून बह रहा था। दर्द से कर्राह रही थीं और अब्बू वहां से भाग गए। पड़ोस के लोग आए और अम्मी- नानू को अस्पताल ले गए लेकिन वह नहीं बच सकीं।’ यह बयान हैं महज 9 साल की बच्ची का, जिसके पिता ने उसकी आंखों के सामने ही उसकी मां और नाना को मार डाला। बच्ची के बयान पर उसके पिता को कोर्ट ने सजा सुनाई है। घटना के समय बच्ची महज 7 साल की थी। लगभग ढाई साल बाद भी उसकी आंखों के सामने पूरी घटना घूमती है।मामला तमिलनाडु के चेन्नै का है। अदालत में 9 साल की एक इस बच्ची ने गवाही दी कि कैसे उसके पिता ने उसकी मां और नाना की हत्या कर दी। इस गवाही ने अब्दुल खादर को दोहरे हत्याकांड के लिए दोषी ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2021 को हुई थी वारदात
मुकदमा चेन्नै की महिला अदालत में चला, जहां बच्ची ने बहादुरी से भयावह घटनाओं को याद किया। उसने बताया कि कैसे उसके पिता ने उसकी मां और नाना पर बीयर की बोतलों और प्रेशर कुकर से हमला किया। यह दुखद घटना 8 मई, 2021 को रॉयपेट्टा के एक घर में हुई थी। गौस उनिसा खादर से हुआ था। उनिसा और अब्दुल खादर का अकसर झगड़ा होता था। वह शराब पीने का लती था, जहां गौस से मारपीट करता था, जिससे परेशान होकर वह अपनी बेटी को लेकर मायके आ गई। जहां गौस की अब्दुल कादर के साथ दूसरी शादी थी। वह उसे इस बात का भी ताना दिया गया था। दोनों के बीच अकसर होने वाले इस झगड़े के कारण उनिसा अपनी बेटी को लेकर अपने पिता मुसफर के साथ रहने मायके आ गई।
गिरफ्तार हुआ आरोपी
उनिसा के मायके आने के बाद अब्दुल खादर अक्सर उसके मायके आता था और अपनी पत्नी से लड़ता था। अपराध के दिन, जब उनिसा की बड़ी बेटी काम पर थी, खादर घर में घुस गया और उनिसा और उसके पिता पर हमला कर दिया। छोटी लड़की ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन उसके पिता ने उसे जबरदस्ती दीवार से टकरा दिया। मकान मालिक, लियाक अलीखान ने लड़की के चिल्लाने की आवाज सुनी और खादर को उनिसा पर हमला करते देखा। अलीखान ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया, जिससे खादर को गिरफ्तार कर लिया गया। बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि बच्ची को इस तरह का बयान देने के लिए उकसाया गया है और उसे बताया गया है कि कोर्ट में क्या बयान देने हैं। जज ने इन दावों को खारिज कर दिया। खादर को उसके किए गए जघन्य अपराधों के लिए कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।