बिहार में सीटों के बंटवारे में लालू प्रसाद के ताल मटोल वाले रवैये से नीतीश कुमार के नाराज होने की बात सामने आ रही है। नीतीश की लालू से नाराजगी के बीच गृह मंत्री अमित शाह के जदयू के प्रति नरम रवैये ने नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने की अटकलों को हवा दे दी है। दरअसल अमित शाह ने एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि जदयू के प्रस्ताव आने पर एनडीए में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है।
अमित शाह के इस बयान के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपने बेटे तेजस्वी के साथ नीतीश कुमार से मिले। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के महागठबंधन का नेतृत्व की बात कही। एक ओर जहां नीतीश कुमार ने अपने विधायक पटना में रोक रखे हैं वहीं दूसरी ओर बीजेपी विधायकों की बैठक हुई है।
बिहार की राजनीति में कुछ भी हो सकता है। अटकले लगाई जा रही हैं कि जदयू मुखिया नीतीश कुमार विधानसभा भंग कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। देखने की बात यह है कि नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने की स्थिति में लालू प्रसाद यादव के परिवार के जेल जाने का अंदेशा हो जाएगा।
दरअसल गृहमंत्री अमित शाह के एक अखबार को दिये गये इंटरव्यू कहा गया है कि यदि एनडीए में शामिल होने के लिए जदयू का प्रस्ताव आता है तो विचार किया जाएगा। वह बात दूसरी है कि अमित शाह ने बिहार के झंझारपुर में हुई रैली में कहा था कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के सभी दरवाजे बंद हो चुके हैं।
अमित शाह के बयान के बाद लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार से मुलाकात करना, जदयू के विधायकों का पटना में ही रुकना और बीजेपी विधायकों की मीटिंग होना यह दर्शा रहा है कि बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा होने जा रहा है। वैसे भी प्रधानमंत्री की 13 जनवरी को बेतिया में होने वाली रैली टाल कर 27 तारीख को करने के बाद से ही नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी थी।
अब जब प्रख्यात सोशलिस्ट कर्पूरी ठाकुर की जयंती राजद और जदयू के अलग अलग मनाने की खबर भी इस बात बात को हवा दे रही है। ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाएंगे और वहां उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी। 24 तारीख को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर नीतीश कुमार एनडीए में शामिल होने के संकेत दे सकते हैं।
दरअसल बिहार में इन दिनों कड़ाके की ठंड के बीच सियासत गरमाई हुई है। दरअसल एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में अमित शाह से सवाल पूछा गया नीतीश कुमार आदि ये आना चाहेंगे तो क्या रास्ते खुले हैं?’ इस पर अमित शाह ने कहा कि किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा।’ यानी इस तरह से अमित शाह ने करीब-करीब ये साफ कर दिया कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी में लगा नो एंट्री का बोर्ड पूरी तरह से हटा दिया गया है।
उधर पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में आप और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है तो उत्तर प्रदेश में सपा कांग्रेस और रालोद के बीच सीटों के बंटवारे में पेंच फंसा है। पश्चिमी बंगाल में ममता बनर्जी कांग्रेस को कोई सीट देने को तैयार नहीं है। महाराष्ट्र में भी सीटों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है। कुल मिलाकर इंडिया गठबंधन का ढुलमुल रवैया विपक्ष के लिए घातक साबित हो रहा है।