नई दिल्ली। अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूरे देश में जोरशोर से तैयारी कर रही है, तो दूसरी तरफ विपक्षी नेताओं ने भी अपने-अपने तरीके से उस दिन मंदिरों में जाने का कार्यक्रम तय कर लिया है। ‘इंडिया’ गठबंधन के विभिन्न दलों ने तैयारियां शुरू कर दी। 22 जनवरी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुवाहाटी के शिव मंदिर और कामाख्या मंदिर जा सकते हैं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में काली पूजा करेंगी, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सुंदरकांड का पाठ करवा रहे हैं।
राहुल गांधी का 22 जनवरी को गुवाहाटी के लोखरा में शिव जी के धाम जाने का कार्यक्रम है और इसी दिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी पहले से तय है। मणिपुर से शुरू हुई कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ बुधवार को असम पहुंचेगी. दरअसल, पहले भी राहुल खुद को शिवभक्त बता चुके हैं। दिल्ली के रामलीला मैदान की रैली में एक बार उन्होंने बताया था कि कैसे विमान में खराबी के वक्त भोले बाबा को याद किया और फिर वे कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए।
2018 के गुजरात चुनावों में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी के गले में रुद्राक्ष भी दिखा था। कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी हर धर्म के धर्मस्थलों में जाएंगे. हालांकि, अभी तक 22 जनवरी को मंदिर जाने का जो प्लान है उसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है।
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन 22 जनवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में सभी धर्मों के लोगों के साथ एक ‘सद्भाव रैली’ का नेतृत्व करेंगी. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख बनर्जी ने कहा कि वह कालीघाट मंदिर में देवी काली की पूजा करने के बाद दक्षिण कोलकाता के हाजरा चौराहे से जुलूस की शुरुआत करेंगी. यह मार्च पार्क सर्कस मैदान में समाप्त होगा और इससे पहले यह मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों सहित विभिन्न धर्मों के उपासना स्थल से होकर गुजरेगा।