इससे पहले आज की सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि वो बिलकिस की उस याचिका को जल्द लिस्ट कराएंगे, जिसमें उस फैसले को रिव्यू करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के 11 दोषियों को रिहा करने के लिए गुजरात सरकार की याचिका को अनुमति प्रदान की थी।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह बात तब कही जब एडवोकेट शोभा ने बताया कि बिलिकस की व्यू पटीशन को अभी तक लिस्ट नहीं किया गया है, उनका कहना था कि इसकी संभावित तारीख 5 दिसंबर बताई गई थी। सीजेआई ने कहा कि उन्हें लगता है कि मामले को लेकर कोई तारीख तय नहीं की गई है। वो इस बारे में पता करेंगे। फिर कोर्ट को बताया कि 13 को सुनवाई तय की जा चुकी है।
अपने फैसलों पर रिव्यू यानी फिर से विचार करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक तरीका है। जिन जजों ने फैसला दिया होता है उके साथ एक चेंबर में फैसले के पहलुओं पर डिस्कसन होता है। बिलकिस बानो ने उस फैसले को चुनौती दी है जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने का निर्णय दिया था। बिलकिस का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर पिर से गौर करने की जरूरत है।
बिलकिस के साथ 2002 के गोधरा दंगों के दौरान रेप हुआ था। उसके परिवार के कई सदस्यों की हत्या भी हुई थी। कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी लेकिन इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की उस अपील का स्वीकार कर लिया था, जिसमें बिलकिस मामले के 11 दोषियों को अच्छे चाल चलन के आधार पर रिहा करने की अपील की गई थी। बिलकिस मामले के दोषियों को गुजरात चुनाव से ऐन पहले रिहा किया गया था। उसे लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने भी बीजेपी सरकार पर तीखा हमल बोला था लेकिन मामला फिर से उस समय सरगर्म हुआ जब बिलकिस के रिव्यू को लेकर याचिका दायर की।