सहारा प्रमुख सुब्रत राय को पुलिस गिरफ्तार करने लखनऊ पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि 12 थानों की पुलिस उन्हें गिरफ्तार पहुंची है। सुब्रत राय पर कई मुकदमे चल रहे हैं। शुक्रवार को पुलिस की टीम सहारा शहर पहुंची है। पुलिस फोर्स उन्हें पुराने मामले में गिरप्तार करने पहुंची है। सहारा प्रमुख सुब्रत राय को पुलिस गिरफ्तार करने पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि 12 थानों की पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची है। सुब्रत राय पर कई मुकदमे चल रहे हैं। पुलिस की टीम लखनऊ के गोमतीनगर उनके आवास पर पहुंची। उनके खिलाफ पुराने मामले में वारंट जारी हुए थे। जिसके बाद पुलिस टीम उनके घर पहुंच गई। गोतमीनगर अंबेडकर पार्क के पास सुब्रत राय का घर है। जहां बताया जा रहा है कि सहारा चीफ कह रहे हैं कि सेबी के स्पेशल जज ने सुब्रत राय के खिलाफ वारंट जारी किया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सितंबर महीने में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के स्पेशल जज ने सुब्रत राय के खिलाफ एक बेलेबल वारंट जारी किया, उन्होंने स्पेशपल कोर्ट द्वारा भेजे गये समन के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस स्पेशल जज ने खारिज कर दिया था। रिपोर्ट के अनुसार सेबी ने सुब्रत राय के सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉपार्ेरेशन लिमिटेड, सहारा रियल एस्टेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ 2014 में केस दर्ज कराए थे।
सेबी स्पेशल कोर्ट ने जारी किया था वारंट
दोनों ही मामलों में सुब्रत राय भी एक आरोपी हैं, जिन्हें कोर्ट ने कई बार पेश होने के लिए सम्मन भेजा लेकिन वह कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए। कोर्ट ने कहा कि वह आखिरी बार 2019 में कोर्ट के सामने पेश हुए थे। बाद में वह एक समन के खिलाफ सेबी के स्पेशल कोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें कोई कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट को सहारा चीफ के वकील ने बताया था कि सुब्रत राय को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की शिकायत है औेर इसके लिए उन्होंने लखनऊ सहारा अस्पताल द्वारा जारी एक मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपी थी। हालांकि स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर आयुष पसबोला ने सहारा चीफ की याचिका का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कारोनो संक्रमण से ठीक होन के बाद कुछ दिनों तक समस्या होत है और अब वह कोर्ट में पेश हो सकते हैं, जिसे कोर्ट ने सही माना।
सेबी का सुब्रत राय पर आरोपी
सेबी का आरोप है कि सुब्रत राय की रियल एस्टेट कंपनी ने 2009, 2011 के बीच 75 लाख से ज्यादा निवेशकों से लगभग 6380 करोड़ रुपये की उगाही की। वहीं दूसरी हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कंपनी ने 2008 से 2011 के बीच दो करोड़ से अधिक निवेशकों से लगभग 19,400 करोड़ रुपये की उगाही की। सेबी के अनुसार कंपनी ने ऑप्शनली फुल्ली कन्वर्टिबल डिबेंचर्स यानी ओएफसीडी के जरिये प्राइवेट प्लेसमेंट की आड़ में पब्लिक इश्यू जारी किया। सेबी ने आरोप लगाया कि उन्हें कंपनी द्वारा रेड हेरिंग प्रॉसपेट्स के बारे में खुलासा नहीं करने के संबंध में कई शिकायतें मिलीं।