महाभारत के विषय में मामूली जानकारी लगभग हर हिंदुस्तानी को होगी। महाभारत का सर्वाधिक क्रूर पात्र या कहें अधर्म का प्रतीक दुर्योधन एक ऐसे अभेद्य घेरे में खड़ा था, जहां उसकी रक्षा के लिए धर्मधुरंधर महाज्ञानी अपने समय के सबसे बलवान योद्धा भीष्म, आचार्य द्रोण, कृपाचार्य, कर्ण और अश्वत्थामा पांडवों से युद्ध करने के लिए तत्पर थे। जरा सोचिए यदि भीष्म, द्रोण, कर्ण बगैरह को नहीं मारा जाता तो क्या कभी अर्जुन या भीम या कोई अन्य दुर्योधन को छू पाता मार पाता!
इतने बड़े बड़े योद्धाओं की रक्षा में रहते दुर्योधन तक पहुंचना सरल नहीं था यह बात भगवान कृष्ण भी जानते थे इसलिए उन्होंने अधर्म का नाश करने के लिए उन धर्मात्मा दानवीर और ज्ञानियों का भी वध करवा दिया जो कृष्ण के भक्त भी थे और कई मायनों में अर्जुन और युद्धिष्ठिर से श्रेष्ठ भी। धर्म स्थापना के लिए यह आवश्यक था अन्यथा न दुर्योधन का अंत होता न अधर्म का, राजसभा में स्त्रियों के चीर हरण होते रहते।।
यह बात ठगों पर भी लागू होती है, ठग एक ऐसे सुरक्षा घेरे में हैं जहां उनकी सुरक्षा के लिए भीष्म द्रोण कृपाचार्य कर्ण अश्वत्थामा शकुनि पांडवों (ठगी पोड़ितों) के विरूद्ध कुचक्र रच रहे हैं। ठगों ने पहले मोर्चे पर हमारे खिलाफ हमारे ही बीच के लालची स्वार्थी बिकाऊ घटिया लोगों को खड़ा कर रखा है। ठग जानते हैं हम अपने बीच के लोगों पर Buds Act 2019 रूपी ब्रह्मास्त्र का प्रयोग नहीं कर सकते न अपने बीच के लोगों के खिलाफ अन्य सख्त कदम उठाएंगे इसलिए ठगों ने हमारे ही बीच के लोगों को खरीद लिया है। यह बिके हुए लोग लालच के शिकार हैं, इन्हें सस्ती लोकप्रियता चाहिए, अतुलित धन चाहिए। राजनैतिक पद चाहिए और भी बहुत कुछ चाहिए।
ठगों ने पहले भी इस तरह के षड़यंत्र रचे हैं जब मेरे समक्ष नकली आंदोलनकारियों को मैदान में उतारा गया है ताकि वह पीड़ितों को भृमित करके मुझसे दूर ले जा सकें।। जब-जब मैं ठगों के खिलाफ लड़ा ठगों ने अपने खरीदे हुए लोगों से मेरे आंदोलन के समय नकली आंदोलन पैदा करके मुझे जीत से रोकने का कुत्सित प्रयास किया, ठगों के मायाजाल को तोड़ने में मैं सदा सफल रहा हूँ, ठगों के दलाल, लाल और बिकाऊ या सस्ती लोकप्रियता के भूखे मूर्ख मेरा मार्ग न पहले रोक पाए हैं न अब रोक पाएंगे, मुझे धर्म स्थापना करनी है न्याय मार्ग बनाना है तो बनाना है।।
मैं तो आया ही हिंदुस्तान को ठगमुक्त बेईमान रहित बनाने के लिए हूँ, भारत ठगमुक्त बेईमान रहित बनेगा इसे कोई भी रोक नहीं पायेगा किन्तु इससे पहले मुझे समस्त ठगी पीड़ितों का भुगतान सुनिश्चित करना है ताकि भविष्य यह न कह सके कि पांडव अपना राज्य वापस पाने के लिए कौरवों से लड़े थे।।
आपका धन पहले वापस होगा उसके बाद ठगों का और बेईमानों का सर्वनाश होगा।। किन्तु यह भी ध्यान रखें
भगवान कृष्ण ने अंधे धृतराष्ट्र की सभा में सबको अपना विराट रूप दिखाया था और यह भी दिखाया था कि तुम सबका अंत निश्चित है फिर भी कौरवों ने शान्ति प्रस्ताव ठुकरा दिया था और इंद्रप्रस्थ तो क्या सुई के नोंक बराबर भूमि भी पांडवों को देना स्वीकार नहीं किया था।
चूंकि नियति यही थी कि सबका अंत होना है उससे पहले दुर्योधन पांडवों को कुछ न देगा इसलिए समस्त कौरव और भीष्म द्रोण कर्ण जैसे महान लोग भी नियति ने निर्ममता से कुचल दिए मार दिए। नियति के मध्य कोई नहीं आ सकता भले ही वह भगवान ही क्यों न हों। भगवान श्रीकृष्ण के शान्ति प्रस्ताव और विराट रूप को दुर्योधन ने यह जानते हुए भी ठुकरा दिया कि श्री कृष्ण साधारण ग्वाले नहीं स्वयं नारायण के अवतार हैं। नियति यही थी इसलिए दुर्योधन को अहंकार में अंधा कर दिया समय ने और वह अपने कुल का नाशक बन गया।।
मूर्ख दुर्योधन ने भी भगवान कृष्ण के जन्म पर सवाल उठाए थे और उन्हें ग्वाला गंवार अहीर जैसे अपशब्द कहे थे। भगवान समय समय पर भिन्न भिन्न जातियों में जन्म लेते हैं ताकि ठगों का दुष्टों का बेईमानों का सर्वनाश करके वह सत्य की न्याय की धर्म(कानून) की स्थापना कर सकें और सत्य सनातन धर्म को रूढ़ियों से बुराइयों से असमानता सेजातिभेदों से शोषण से मुक्त करके शुद्ध सनातन धर्म के रूप में स्थापित कर सकें। मैनें कहाँ जन्म लिया कौन मेरी मां हैं कौन मेरे पिता हैं यह तो कभी महत्वपूर्ण नहीं रहा, मैं तो धर्म की रक्षा के लिए धर्म की स्थापना के लिए राक्षसों का अंत करने के लिए सूअर मछली के रूप में भी आया हूँ भंगी तो फिर भी मनुष्य हैं सनातन का आधार हैं।
कोई भी कवच कोई भी वरदान कोई भी राज्य कोई भी आश्रय कोई भी छल कभी किसी ठग की बेईमान की अपराधी की सदा रक्षा नहीं कर पाता, ठगों का अपराधियों का अंत होता ही है भले ही वह कितने ही शक्तिशाली हों। यदि सुबर्त पीपी सेठी संजय भाटी जयकृष्ण राणा देवेंद्र मृत्यंजय विष्णुकान्त राशिद नसीम मितेश जैसे ठग किसी भी छल से या बल से नियति के दण्ड से बच जाएंगे या मुझे रोक बांध लेंगे मार देंगे तो यह असम्भव है। इतनी सामर्थ्य किसी में नहीं जो मुझे बांध सके या मार सके या बुरी नीयत से छू भी सके इसलिए सब साथी निश्चिंत रहें अब ठगों को कोई बचा नहीं पायेगा अब ठगों का ठगों के लाल और दलालों का सर्वनाश निश्चित है।
Namaskar sir
Main bhi chahta hoon ki sabhi thago ko fansi ho
Hamari Janata ka ek ek paisa wapis ho
In thago ke khilaf sakht se sakht karwayi ho
Bhagwan in sabhi thago ka sarvnash karenge “Jai shree Ram
Jai bajrangbali “
सर जी आप की प्रेरणा से तहसील बाराप्रयागराज की धरती पर हम सभी जमा करता पीड़ित परिवार ठगों के खिलाफ एक मजबूत संगठन तैयार कर रहे हैं आपके आशीर्वाद से निश्चित तौर पर हम सफल होंगे. राम चंद्र पाल जसरा बारा प्रयागराज.
मोबाइल नंबर 94 50 9099 61👋✊🙏🌹🇮🇳
लगता तो है कि आपकी इच्छा शक्ति बहुत दृढ़ है….