आगरा, मथुरा, आगरा और वृंदावन में अलग-अलग घटनाओं में दो नाबालिग लड़कियों, जिनमें एक दलित थी, का यौन उत्पीड़न किया गया। दोनों ही मामलों में आरोपी पीड़िता के पड़ोसी थे।
पहला मामला 6 साल की बच्ची का है, जो गुरुवार को अन्य बच्चों के साथ आगरा के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में गई थी।
उसे स्कूल से उसके 22 वर्षीय पड़ोसी अपने साथ लेने गया था, जिसने कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया। आरोपी की पहचान बॉबी के रूप में हुई है।
जिस इलाके में यह घटना हुई उस इलाके के थाना प्रभारी (एसएचओ) ने कहा कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
लड़की के मजदूर पिता ने कहा कि बॉबी ने लड़की का भाई होने का नाटक किया और स्कूल के शिक्षक से अनुरोध किया कि उसे उसके साथ जाने की अनुमति दे।
उन्होंने कहा कि जब वह घर वापस आई तो मेरी बेटी रो रही थी लेकिन उसने इसका कारण नहीं बताया, बाद में उसने अपनी मौसी के साथ घटना के बारे में जानकारी साझा की।
उसके पिता फिर पुलिस के पास पहुंचे और बॉबी के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस के मुताबिक, वृंदावन मामले में संदिग्ध 16 वर्षीय नाबालिग है, जिसने कथित तौर पर 7 साल की दलित लड़की का यौन शोषण किया।
जब वह घर के बाहर खेल रही थी तो टॉफी देने के बहाने वह उसे अपने साथ ले गया।
लड़की के परिवार ने आरोप लगाया कि उन्होंने लड़के के परिवार से उसके कृत्य के बारे में सूचित करने के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और जातिवादी टिप्पणी की।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) (शहर) एम.पी. सिंह ने कहा कि संदिग्ध के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के साथ पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि लड़के को हिरासत में ले लिया गया और बाद में किशोर गृह भेज दिया गया है।