Gyanvapi : कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग वाली मांग खारिज

1
213
Gyanvapi
Spread the love

Gyanvapi : वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करवाए जाने के फैसले को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि कार्बन डेटिंग से यह स्पष्ट हो जाएगा की कथित शिवलिंग असलियत में शिवलिंग है या फव्वारा है।

16 मई को वाराणसी सिविल कोर्ट ने मस्जिद के अंदर उस इलाके को सील करने का आदेश दिया, जहाँ शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था, वहाँ नमाज पर भी रोक लगा दी गई थी।

बाद में सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग वाली जगह को तो सील रखा, लेकिन मस्जिद में नवाज पढ़ने की अनुमति दे दी थी, इसी पर 4 महिला याचिकाकर्ताओं ने बनारस के जिला जज की अदालत में कार्बन डेटिंग करने की मांग की थी।

क्या – क्या पता चलता कार्बन डेटिंग से –

याचिकाकर्ता चाहते थे कि वैज्ञानिक जांच के जरिए कथित शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और यह जमीन से कितनी अंदर तक है, इस स्थिति का पता लगाया जाए, साथ ही ये फव्वारा और शिवलिंग इस बात पर भी स्पष्टता लाई जाए।

यह भी पढ़े – हिजाब पहनने के मत पर बंटे सुप्रीम कोर्ट के दो जज

मुस्लिम पक्ष की राय –

मुस्लिम मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील अखलाक अहमद ने कहा कि कार्बन डेटिंग ऐसी चीजों की होती है जो कार्बन अवशोषित करें, प्रायः जिनमें जीवन संभव हो

इंसान और उसकी हड्डी, जानवर, पेड़ पौधे इनकी जांच संभव है, इसी प्रकार पत्थर और लकड़ी कार्बन एब्जॉर्ब नहीं कर सकते हैं इसी कारण उनकी कार्बन डेटिंग नहीं हो सकती है।

Gyanvapi

बता दें कि अखलाक अहमद अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के वकील है।

इस मामले पर वाराणसी कोर्ट ने बहस को सुनकर पिछले हफ्ते अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे 14 Oct के दिन सुनाया गया।

Gyanvapi मामले में अब तक –

इसी साल अप्रैल माह में सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने और उसकी वीडियोग्राफी की मंजूरी दे दी थी, इसी मामले पर मस्जिद इंतजामिया ने तकनीकी पहलुओं का हवाला देते हुए आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी।

बाद में यह याचिका खारिज हो गई थी, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को ले जाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को वापस वाराणसी कोर्ट में भेजते हुए कहा कि अदालत तय करें कि “मामला आगे सुनवाई के लायक है या नहीं

यहां क्लिक कर आप The News 15 के YouTube Channel पर जा सकते है।

फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई 17 Oct को होगी, मामलें में वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर आकृति को बिना क्षति पहुंचाए उसकी सच्चाई पता लगाने की मांग फिलहाल तो कोर्ट नें खारिज कर दी है, अगली सुनवाई तक दोनों पक्षो को इंतजार करना होगा।

आपको यह खबर कैसी लगी आप कमेंट कर अपनी राय हमें बता सकते है, ऐसी और खबरों के लिए पढ़ते रहें The News15 को।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here