PM Modi’s Himachal tour : हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी की रैली को कवर करने के लिए पत्रकारों को जिला मंडी प्रशासन से चरित्र प्रमाण पत्र बनवाकर दिखाने के लिए कहा गया है
चरण सिंह राजपूत
किसी ने सोचा न होगा कि भाजपा सरकारों में पत्रकारों को इतना अपमान झेलना पड़ेगा। एक समय था कि जिन नेताओं को अपनी रैली कवर करानी होती थी वे दस बार पत्रकारों का पूछते थे। मीडिया का अलग से सम्मान होता था। इसे मीडिया का घटता स्तर कहें या फिर भाजपा सरकारों की हनक कि अब प्रधानमंत्री की रैली को कवर करने के लिए पत्रकारों को चरित्र प्रमाण पत्र दिखाना होगा। सुरक्षा की दृष्टि से पास मिलने वाले पत्रकारों का ही रैली कवर करने की अनुमति तो समझ में आती है पर रैली कवर करने से चरित्र प्रमाण पत्र दिखाने का क्या औचित्य है ? कौन सी पत्रकार सेना की नौकर करने जा रहे हंै। तो क्या मीडिया के लिए प्रधानमंत्री की रैली कवर करना इतना जरूरी है कि रैली कवर करने के लिए उन्हें अपना चरित्र प्रमाण पत्र दिखाना पड़े। चरित्र प्रमाण पत्र भी दिखाने के निर्देश जिला प्रशासन ने जारी किये हैं। मतलब किसी जिले का प्रशासन इतना पावरफुल हो गया कि वह पत्रकारों से उनके चरित्र प्रमाण पत्र मांगने लगा। कहीं इसके लिए पत्रकारों का घटना स्तर तो नहीं है।
दरअसल प्रधानमंत्री की होने वाली रैली के लिए मंडी जिला प्रशासन ने एक नोटिफिकेशन जारी कर प्राइवेट और सरकारी सभी मीडिया संस्थानों को चरित्र प्रमाण लाने के लिए कहा है, जो पुलिस उपाधीक्षक, सीआईडी, बिलासपुर के कार्यालय द्वारा दिया जाएगा। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल प्रदेश दौरे से नया विवाद शुरू हो गया है। पीएम मोदी बुधवार यानी कि ५ अक्टूबर को एक दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह एक रैली भी करेंगे। जिला प्रशासन ने एक नोटिस जारी कर पीएम मोदी की रैली को कवर करने के लिए पत्रकारों को चरित्र सत्यापन के लिए प्रमाण पत्र लाने का निर्देश दिया गया है। जिला प्रशसन का कहना है कि रैली कवर करने के लिए पत्रकारों को चरित्र प्रमाण पत्र दिखाना होगा, जिसे लेकर विवाद भी शुरू हो गया है।
दरअसल प्रधानमंत्री की यह रैली 24 सितम्बर को होनी थी लेकिन खराब मौसम के चलते इसे टाल दिया था और अब कल प्रधानमंत्री यहां रैली करने जा रहे हैं। इसे लेकर जिला प्रशासन ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि रैली को कवर करने के लिए पत्रकारों को चरित्र सत्यापन के लिए प्रमाण पत्र भी लाना होगा। इसको दिखाए बिना उन्हें पीएम मोद की रैली कवर करने की अनुमति नहीं मिलेगी। यह नोटिफिकेशन सिर्फ प्राइवेट प्रिंट, डिजिटल, और टीवी मीडिया के लिए ही नहीं है बल्कि ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन समेत सरभारी मीडिया संस्थानों के लिए भी जारी किया गया है। नोटिफिकेशन में जिला जनसंपर्क अधिकारी को सभी प्रेस संवाददाताओं, फोटोग्राफरों, वीडियोग्राफरों और दूरदर्शन एवं आकाशवाणी की टीमों की सूची के साथ उनके चरित्र सत्यापन प्रमाण पत्र भी देने को कहा गया है। इसमें यह भी कहा गया कि चरित्र सत्यापन का प्रमाण पत्र पुलिस उपाधीक्षक, सीआईडी बिलासपुर के कार्यालय द्वारा दिया जाएगा।
जिला प्रशासन के इस आदेश को लेकर विपक्षी दलों की ओर से सवाल खड़े किये जा रहे हंै। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसकी निंदा की है। आप के प्रवक्ता पंकज पंडित ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि पत्रकारिता के २२ सालों के अपने करियर में उन्होंने पहली बार इस तरह की विचित्र अधिसूचना देखी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पहली बार हिमाचल प्रदेश का दौरा नहीं कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से चरित्र प्रमाण पत्र की मांग आपत्तिजनक है और मीडिया की गतिविधियों पर अंकुश लगाने का एक प्रयास है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि यह मांग मीडिया की आजादी के खिलाफ है। वहीं डीपीआरओ कुलदीप गुलेरिया ने कहा कि यह सभी क लिए अनिवार्य है।