Indian Politics : उत्तर प्रदेश के कुर्मी वोटबैंक पर है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर

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Indian Politics : बिहार के मुख्यमंत्री ने अपना दल की कृष्णा पटेल से की मुलाकात

लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार आम चुनाव को लेकर काफी सक्रियता दिखा रहे हैं। वह भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं। अब उन्होंने अपना दल (कमेरवादी) नेता कृष्णा पटेल से मुलाकात की है। उत्तर प्रदेश में कुर्मी वोट झटक कर वह एनडीए को झटका देने की कोशिश में हैं। इसी क्रम में उन्होंने सोमवार को दिल्ली में कृष्णा पटेल से मुलाकात की। पटेलों के बड़े ओबीसी कोइरी-कुर्मी वर्ग का हिस्सा माना जाता है। नीतीश कुमार और कृष्णा की यह मुलाकात एनडीए के लिए खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि उसके कुर्मी वोट प्रभावित होने का खतरा साबित हो सकती है क्योंकि उसके कुर्मी वोट प्रभावित हो सकते हैं ।
नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कृष्णा पटेल ने मीडिया से कहा कि सोनेलाल पटेल का जदयू प्रमुख से पुराना नाता रहा है। जयदू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने द इंडिटन एक्सप्रेस को बताया है कि सोनेलाल पटेल हमारे साथ बहुत मधुर संबंध थे और हमने २००७ का यूपी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था। हमारे गठबंधन को व्यापक बनाने के लिए हमने कोशिश की, जिसके तहत कृष्णा पटेल ने नीतीश कुमार से मुलाकात की।

त्यागी ने कहा कि यह विपक्षी एकता के लिए शुरुआती दिन हैं, जिसे आने वाले महीनों में अमली जामा पहनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जदयू की नज इस वक्त यूपी पर है, जहां कुर्मी और पटेलों की बड़ी आबादी रहती है। नीतीश कुमार भी कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में पार्टी को लग रहा है कि इसका भी फायदा मतदाताओं का अपनी ओर करने में मिलेगा। त्यागी ने कहा कि वाराणसी, बरेली, पीलीभीत, हरदोई, कानपुर देहात, जालौन, उरई, बांदा, बहराइच, फतेहपुर, अलाहाबाद, फूलपुर, मिर्जापुर, चोंदौली, प्रतापगढ़, रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, बस्ती, सरस्वती और गोंडा में कुर्मी एवं पटेल समुदााय की बड़ी आबादी रहती है। उन्होंने कहा कि एक बार समाजवादी पार्टी भी हमारे साथ आ गई तो अनुप्रिया पटेल को हमें चुनौती देना मुश्किल हो जाएगा।
अपना दल (के) के लिए जीत की स्थिति केवल तभी हो सकता है जब यदि कृष्णा पटेल २०२४ के लोकसभा चुनाव में के लिए विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करती हैं। पार्टी मध्य और पूर्वी यूपी में ओबीसी विशेष रूप से कुर्मी समुदाय के बीच प्रभाव का दावा करती है। दरअसल १९९५ में अपना दल की स्थापना सोनेलाल पटेल ने की थी और कृष्णा पटेल उनकी पत्नी हैं। २००९ में सोनेलाल की मृत्यु के बाद कृष्णा को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेटी अनुप्रिया पटेल को इसका राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था। कृष्णा और अनुप्रिया के बीच मतभेदों के चलते पार्टी अपना दल (सोनेलाल) और अपना दल (कमेरावादी) में विभाजित हो गई। अनुप्रिया पटेल अब एनडीए की सहयोगी हैं और पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री हैं। कृष्णश ने २०२० में अपना दल (कमेरावादी) की स्थापना की थी।

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