Mukhtar Ansari : जेलर पर पिस्टल तानने के मामले में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी को जेलर को डराने और उन पर पिस्टल तानने के मामले में दोषी मानते हुए 7 साल की सज़ा सुनाई है।
इस मामले में लखनऊ के MP/MLA, एडिशनल सेशन जज ने साल 2020 में उन्हें बरी कर दिया था। लेकिन आज जस्टिस दिनेश कुमार की एकल पीठ ने Mukhtar Ansari को दोषी करार दिया है।
क्या है मामला –
यह मामला साल 2003 का है, 23 अप्रैल की सुबह लखनऊ के जिला जेल में मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) से कुछ लोग मिलने आए, जिस पर तत्कालीन जेलर SK अवस्थी ने मिलने आए लोगों की तलाशी लेने के लिए कहा बाद मुख़्तार अंसारी भड़क गए।
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अंसारी पर जेलर को जान से मारने की धमकी और पिस्टल तान देने का आरोप है, इस घटना के बाद जेलर SK अवस्थी ने आलमबाग थाना में मुख्तार के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
कौन हैं मुख्तार अंसारी –
मुख़्तार अंसारी 1996 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की टिकट पर जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने 2002 में भी चुनाव जीता, इसके बाद 2007, 2012 और फिर 2017 में भी मऊ से जीत हासिल की थी लेकिन वे आख़िरी के चुनाव में उन्होंने देश की अलग-अलग जेलों में बंद रहते हुए लड़े।
पारिवारिक पृष्ठभूमि –
मुख़्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाज़ा गया था। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख़्तार अंसारी के चाचा हैं। मुख़्तार अंसारी के पिता सुभानउल्ला अंसारी स्थानीय राजनीति में काफी सक्रिय थे।
मुख़्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी भी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा से लगतार 5 बार विधायक रह चुके हैं और 2004 में गाजीपुर से ही सांसद का चुनाव भी जीत चुके हैं।
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उत्तरप्रदेश की राजनीति में बाहुबली की छवि रखने वाले मुख्तार अंसारी फिलहाल हाईकोर्च की सुनवाई में दोषी पाए गए है। अंसारी लंबे समय से पंजाब की पुलिस की गिरफ्त में थे