PM Kisan Samman Nidhi
PM Kisan Samman Nidhi: अपने 8 साल के कार्यकाल को पूरा करने के उपलक्ष्य के मौके पर हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को किसानों से सीधे तौर पर जुड़ने जा रहें। इस कार्यक्रम का नाम ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ बताया जा रहा है जिसमें पीएम-किसान स्कीम के लाभार्थी किसानों को उनकी 11वीं किस्त मिलने जा रही हैं। गरीब कल्याण सम्मेलन एक सार्वजनिक कार्यक्रम हैं, जो देश भर में राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों में आयोजित किया गया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत 10 करोड़ से अधिक किसानों को पैसे दिए जाएंगे इसका बजट 21000 करोड़ बताया जा रहा हैं। जिन लाभार्थियों को 10वीं किस्त के पैसे नहीं मिले थे इस बार के इंस्टॉलमेंट में पीएम किसान योजना के तहत किसानों को 2,000 रुपये नहीं, बल्कि 4000 रुपये मिल सकते हैं।
क्या है गरीब कल्याण सम्मेलन?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शिमला में गरीब कल्याण सम्मेलन का आयोजन ऐसे ही नही किया जा रहा हैं साल के अंत में हिमाचल में होने वाले चुनाव के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों का दौर शुरु कर दिया हैं। साल 2014 में 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण की थी, आज से तीन साल पहले 30 मई के दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ ग्रहण की थी। पीएम-किसान स्कीम (Kisan Samman Nidhi) योजना 2019 के चुनाव में एक गेम चेंजर साबित हुई थी इसलिए आज के दिन उसकी किस्त पहुंचाने का कार्य किया जा रहा, इसी कारण इस तारीख का महत्व भी बढ़ जाता हैं।
जिसकी जानकारी PM मोदी ने स्वयं दी –
क्या है यें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ?
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले केंद्र सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए उन्हे डायरेक्ट उनके खातों में पैसे ट्रांसफर करने की स्कीम चलाई जिसका नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Kisan Samman Nidhi) रखा गया। लगातार गिर रही अर्थव्यवस्था के समय जब किसानों की आमदनी में ही कुछ खास बदलाव न आने के चलते अर्थशास्त्रियों ने भी इसी बात की ओर इशारा किया कि सरकार को लोगों के हाथ में पैसे देने होंगे ताकि वे पैसे खर्च कर बाजार में पैसे का सर्कुलेशन बढ़ सकें।
June 1 से लागू होने जा रहें ये बदलाव
इसी समय मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने भी कुछ इसी प्रकार की राशि किसानों के खातों में डायरेक्ट देने ट्रांसफर करने की घोषणा की थी इस योजना की शुरुआत 1 दिसम्बर 2018 से हुई। । इस योजना में 12 करोड़ 50 लाख किसान के लिए 75000 हजार करोड़ का बजट दिया इस स्कीम के तहत –
इसके अनुसार भारत के वे सभी किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम की जमीन के मालिक हैं उन किसानों को केंद्र सरकार सालाना 6 हजार रुपये प्रदान करेगीं। ये राशि 2-2 हजार रुपये के तीन किस्तों में दी जाएगी। इस राशि को सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जाएगा भारत जैसे देश में जहां की आबादी इतनी बड़ी हो ऐसे में इस स्कीम को काफी महत्वपूर्ण बताया। इसी स्कीम की 11वीं किस्त (PM Kisan 11th Installment Date) किसानों को प्रदान की जा रही हैं।
इस स्कीम के सामने आते ही कई कठिनाइयां आई क्योंकि कई किसानों जिनके पास उनके जमीन डिजिटल रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैं या उस किसान की जमीन के पर्याप्त जरूरी साक्ष्य उपलब्ध नहीं है इसके चलते कई बार किसान इस योजना से वंचित रह जाते हैं। 2019 में केवल तीन ही राज्य थे जिनका सम्पूर्ण डाटा online उपलब्ध था जिनमें कर्नाटक, तेलंगाना और उड़ीसा राज्य शामिल हैं।
कुछ राज्य सरकार भी इसी प्रकार की स्कीम चला रहीं थी जैसे कि तेलंगाना में हर एकड़ जमीन पर 10 हजार रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए गए, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा किसानों को 5 हजार मिलते हैं ऐसे में केन्द्र सरकार की ओर से भी इस स्कीम के आने से किसानों के लिए इसे अच्छा ही बताया गया।
सरकार के इस स्कीम में 500 रुपये देने की बात कहीं गई क्या वह आज से हिसाब से काफी है? इसके अलावा उन किसानों का क्या जिनके पास खुद की कृषि योग्य जमीन ही नहीं ? 2019 में ऐसे किसानों की संख्या लगभग 15 करोड़ थी। लेकिन इसके बाद भी सरकार को मिले जनता के समर्थन से यही पता चल रहा कि जनता सरकार के इस प्रयास से खुश ही हैं।
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हमें वोटरों की मनसा भी समझना होगा कि वे मुफ्त के अनाज और डायरेक्ट पैसे देने से संतुष्ट है? क्या वोटरों की सरकार से उम्मीदें कम होती जा रही है? सरकार की मनसा कृषि कानून से स्पष्ट थी कि वे MSP से ज्यादा उनके आमदनी बढ़ाने पर सोच रही थी लेकिन उसे वापस ले लिया गया। देखना होगा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) से किसानों की जिंदगी में क्या बदलाव आएगा।