द न्यूज 15
नई दिल्ली/मुंबई/नागपुर। किसी भी मुद्दे पर अति संवेदनशील होना ठीक नहीं है। यदि बच्चे किसी मामले को लेकर ज्यादा गंभीर हो जाएं तो सचेत होने की जरूरत है। पूरी दुनिया में कोरोना का कहर किसी से छिपा नहीं है। यदि कोई बच्चा कोरोना से इतना भयभीत हो जाए कि उसमें उसे अपनी मौत नजर आने लगे तो स्थिति बड़ी भयावह हो जाती है। जी हां महाराष्ट्र में एक ऐसा ही हादसा हुआ है। एक आठवीं की छात्रा कोरोना से इतनी भयभीत थी कि दो महीने से कोरोना होने से अपनी मौत पर कविता लिख रही थी कि आत्म हत्या कर ली।
दरअसल महाराष्ट्र के नागपुर में एक 13 वर्षीया किशोरी ने मौत पर कविताएं और उद्धरण (कोट्स) लिखने के बाद अपने घर पर फांसी लगा ली। पुलिस को लड़की के बेडरूम से एक नोटबुक मिली है इस नोटबुक में यह लड़की गत दो महीने से मराठी और अंग्रेजी में मौत पर कविताएं लिख रही थी। इस लड़की ने यह भी लिखा है कि “कोरोना वायरस फैले और मैं मर जाऊं।” ऐसा प्रतीत होता है कि लड़की डिस्प्रेशन में थी। लड़की पढ़ने में अव्वल बताई जा रही है। लड़की की मां ने बातचीत में उसका व्यवहार सामान्य बताया है।