द न्यूज 15
नई दिल्ली। मनरेगा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में केंद्र सरकार पर निशाना साधा और उसमें कमियां गिनाईं। सोनिया गांधी की नजरों में बजट आवंटन, भुगतान में देरी जैसी कमियां गरीब विरोधी हैं। लोकसभा में बोलते हुए सोनिया गांधी ने आधे महीने में मजदूरों को मजदूरी देनी की मांग की। सोनिया गांधी के इस बयान के विरोध में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और गिरिराज सिंह ने उनपर पलटवार किया। दोनों नेताओं ने कांग्रेस पर मनरेगा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
दरअसल सोनिया गांधी ने आज लोकसभा में मनरेगा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी कहर ढा रही है। इन सबके बावजूद चालू वर्ष को मनरेगा का बजट दो साल पहले की तुलना में 35 फीसदी कम है। सोनिया गांधी यहां ही नहीं रुकी। उन्होंने कहा कि कई लोग “मनरेगा को लेकर मजाक बना रहे थे। वह मनरेगा योजना ही थी कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान करोड़ों गरीब परिवार संभल सके। इस योजना ने सरकार का भी बचाव किया। सोनिया गांधी ने कहा कि फिर भी मनरेगा के लिए बजट में कमी की जा रही है।
नई दिल्ली। मनरेगा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में केंद्र सरकार पर निशाना साधा और उसमें कमियां गिनाईं। सोनिया गांधी की नजरों में बजट आवंटन, भुगतान में देरी जैसी कमियां गरीब विरोधी हैं। लोकसभा में बोलते हुए सोनिया गांधी ने आधे महीने में मजदूरों को मजदूरी देनी की मांग की। सोनिया गांधी के इस बयान के विरोध में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और गिरिराज सिंह ने उनपर पलटवार किया। दोनों नेताओं ने कांग्रेस पर मनरेगा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
दरअसल सोनिया गांधी ने आज लोकसभा में मनरेगा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी कहर ढा रही है। इन सबके बावजूद चालू वर्ष को मनरेगा का बजट दो साल पहले की तुलना में 35 फीसदी कम है। सोनिया गांधी यहां ही नहीं रुकी। उन्होंने कहा कि कई लोग “मनरेगा को लेकर मजाक बना रहे थे। वह मनरेगा योजना ही थी कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान करोड़ों गरीब परिवार संभल सके। इस योजना ने सरकार का भी बचाव किया। सोनिया गांधी ने कहा कि फिर भी मनरेगा के लिए बजट में कमी की जा रही है।
उधर सोनिया गांधी को जवाब देते हुए अनुराग ठाकुर ने यूपीए सरकार के दौरान के दौरान मनरेगा में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इन दोनों नेताओं ने मोदी कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी सरकार में श्रमिकों को उनके जन धन खातों में सीधे भुगतान किया गया।