द न्यूज 15
बीजिंग । यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद पश्चिमी देश लगातार मॉस्को पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। रूस इन प्रतिबंधों से भड़क गया है और नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन के जरिए यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में कटौती करने की धमकी दी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर रूस ऐसा करता है तो पहले से ही डगमगाए हुए उर्जा बाजार में और उथल-पुथल मच सकती है। रूस के ऐसा करने से कीमतों में बढ़ोतरी संभव है।
नॉर्ड स्ट्रीम 1 पर अब तक कोई फैसला नहीं: रूसी उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक जो कि ऊर्जा मामलों के प्रभारी भी हैं, उन्होंने कहा है कि रूस को कार्रवाई करने का अधिकार है। उन्होंने कहा है कि नॉर्ड स्ट्रीम 1 को बंद करने को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। पाइपलाइन मौजूदा वक्त में ‘अपनी पूरी क्षमता से’ चल रही है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में रूस द्वारा आपूर्ति में व्यवधान के डर के कारण कीमतों में करीब 80 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। यूरोपीय देशों की रूसी ऊर्जा पर निर्भरता यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के जवाब देने के तरीके पर सहमत होने की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण कारक रही है। पिछले महीने जर्मनी ने 11 बिलियन डॉलर की नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन परियोजना को स्थगित कर दिया था। यरोपीय यूनियन के अधिकारियों ने कहा है कि वह ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं जो कि इस साल रूस से आयात की जरूरतों को 80 फीसद तक कम कर सके।
रूस पर कार्रवाई से बच रही यूरोपीय यूनियन : यूरोपीय यूनियन के कई नेता रूस पर तत्काल कार्रवाई से बचते नजर आए हैं। यही कारण है कि जर्मनी ने तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्तावों के खिलाफ जोर दिया है। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा है कि रूसी तेल और गैस यूरोप की इकॉनमी के लिए ‘आवश्यक महत्व’ हैं। बता दें कि यूरोपीय यूनियन के गैस आयात का लगभग 40 फीसद और इसका एक चौथाई तेल रूस से आता है।
रूस की चेतावनी : रूसी नेता नोवाक ने कहा है कि यदि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन रूसी आयात पर प्रतिबंध लगाते हैं तो रूस के पास अपना तेल बेचने के लिए अन्य विकल्प हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के किसी भी कदम के ‘विश्व बाजार के लिए विनाशकारी परिणाम’ हो सकते हैं और कीमतें 300 डॉलर प्रति बैरल या उससे अधिक तक बढ़ सकती हैं।
ukraine russia war: यूक्रेन और रूसी सैनिकों के बीच आज जंग का 13वां दिन है। रूस की ताकतवर सेना के आगे यूक्रेन के सैनिक अभी भी मोर्चे पर डटे हैं। इस बीच मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा दावा किया। यूक्रेन की जेलेंस्की सरकार के दावों के उलट पुतिन ने कहा कि हमारी सेना यूक्रेन में बढ़त बनाए हुए हैं और हम जीत की ओर बढ़ रहे हैं।
मंगलवार को इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया जंग में रूसी सेना को भी भारी नुकसान हो रहा है। अभी तक रूस के 12 हजार से ज्यादा सैनिकों की मौत हो चुकी है। हमने रूस के कई हथियार, लड़ाकू विमान और तोपों को नुकसान पहुंचाया है। जेलेंस्की के दावों के उलट पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन में हमारी सेना बढ़त बनाए हुए हैं। योजना के अनुसार, हमारी सेना आगे बढ़ रही है। जल्द ही यूक्रेन में तख्तापलट होगा।
हमारे शहरों को नहीं बचा सका पश्चिम : इस बीच जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि 13 दिनों से यूक्रेन अकेले रूस की ताकतवर सैन्य बल के खिलाफ डटा है। लेकिन इस लड़ाई में पश्चिम ने कोई मदद नहीं की। रूस की सेना ने अपनी मिसाइलों से हमारे शहरों को नष्ट कर दिया लेकिन पश्चिम तब भी मदद के लिए आगे नहीं आया। सिर्फ प्रतिबंधों से काम नहीं चलेता, धरातल पर उतरकर लड़ने से ही बात बनेगी।