अमेरिका और पश्चिमी देश यूक्रेन बॉर्डर के पास स्थित एक सीक्रेट एयरफील्ड का इस्तेमाल हथियारों की सप्लाई के लिए कर रहे हैं। इसके पड़ोसी देशों में कहीं स्थित होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
द न्यूज 15
नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को अपनी सेना की ताकत पर बहुत ज्यादा गुमान था लेकिन यूक्रेन के सैनिकों ने जिस तरह से रूसी सेना को अपना परचम फैलाने से रोका हुआ है वो सारी दुनिया के लिए हैरत भरा है। खबरें हैं कि यूक्रेन अपने बूते पर ऐसा करने में सक्षम नहीं हुआ। उसके बॉर्डर के पास एक सीक्रेट एयरफील्ड है। अमेरिकी समेत तमाम पश्चिमी देश हथियारों से भरी 17 फ्लाइटें रोज यूक्रेन को भेज रहे हैं। इनके दम पर ही जेलेंस्की की सेना रूसी सेना ने रूस को रोका है।
रूसी सेना के लिए जिस लड़ाई को दो दिन का माना जा रहा था वो दो हफ्ते बाद भी निर्णायक स्थिति में इसी वजह से नहीं पहुंच सकी है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कीव में मोर्चा संभाल रखा है तो सेना के साथ यूक्रेन के लोग भी हथियार उठाकर रूस को जवाब दे रहे हैं। चेर्नोबिल-सुमी जैसे कुछ शहरों को छोड़ दें तो राजधानी कीव समेत यूक्रेन का कोई भी बड़ा शहर अभी रूस के कब्जे में नहीं आ सका है। खारकीव में भी घमासान मचा है।
एक रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका और पश्चिमी देश यूक्रेन बॉर्डर के पास स्थित एक सीक्रेट एयरफील्ड का इस्तेमाल हथियारों की सप्लाई के लिए कर रहे हैं। इसके पोलैंड या पड़ोसी देशों में कहीं स्थित होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। ये सीक्रेट एयरफील्ड यूक्रेन के पश्चिमी बॉर्डर के एकदम करीब है। यही वजह है कि यूरोप से सटे यूक्रेन के पश्चिमी इलाकों में अभी भी यूक्रेनी सेना का दबदबा कायम है। कयास हैं कि यूक्रेन पर रूसी हमले के पहले से ही अमेरिका और अन्य देशों के सैन्य मालवाहक विमानों का यहां पहुंचना शुरू हो गया था।
ऐसा नहीं है कि पुतिन को सारे खेल का पता नहीं है। रूस ने यूक्रेन को मदद पहुंचा रहे उसके पड़ोसी देशों को नतीजे भुगतने की चेतावनी भी दी है। जंग में यूक्रेन को मिल रही सीक्रेट मदद को लेकर रूस ने कई बार नाटो देशों को चेताया है।
माना जा रहा है कि जब रूस ने यूक्रेन की सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाई थी तभी से यानी पिछले दो महीने पहले से अचानक इस सीक्रेट एयरफील्ड पर कार्गो विमानों की आवाजाही बढ़ गई थी। यूरोप और अमेरिका से सैन्य कार्गो विमान लगातार इस अड्डे के लिए उड़ान भर रहे थे। इन विमानों से हथियारों की सप्लाई की गई। रूस के हमले शुरू होने के बाद से इन विमानों की आवाजाही और बढ़ गई है। यहां से रोजाना 17 विमान उड़ान भरते हैं। फिलहाल यूक्रेन में एंटी-आर्मर मिसाइलों सहित हथियारों के शिपमेंट की सुरक्षा में लगे इस एयरफील्ड का स्थान एक रहस्य बना हुआ है।