किसानों के आंदोलन से डरी छत्तीसगढ़ सरकार, पुलिस ने मंत्रालय जाने वाले सारे रास्ते किए सील, सड़क पर बैठे किसान

0
154
Spread the love

द न्यूज 15

रायपुर । छत्तीसगढ़ की नई राजधानी प्रभावित किसानों के आंदोलन को 60 दिन हो गए हैं। किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। किसानों द्वारा गुरुवार को मंत्रालय घेराव की सूचना के बाद छत्तीसगढ़ सरकार भी डर गई। 27 गांवों के किसानों को मंत्रालय जाने से रोकने प्रशासन ने बड़े पैमाने पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी है। मंत्रालय जाने वाले मार्ग को चारों ओर से सील कर दिया गया है। 4 आईपीएस अधिकारी, 25 से अधिक डीएसपी, 6 एडिशनल एसपी, 35 से अधिक निरीक्षक सहित 500 से अधिक जवानों को सड़कों पर तैनात किया गया है। वहीं किसान भी सड़क पर बैठे हैं।

किसानों के आंदोलन को देखते हुए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रभावित किसानों को 1200 से 2500 वर्गफीट आवासीय पट्टा वितरण 7 मार्च से शुरू की बात कही गई है। प्राधिकरण के संचालक मंडल की 25 फरवरी को आयोजित 69वीं बैठक में शासन द्वारा गठित मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा की गई 6 प्रमुख सिफारिशों को मान्य करते हुए उन पर अमल करने का आदेश जारी किया गया है। इधर आंदोलनकारी किसान इसे राज्य सरकार का छलावा बता रही है। नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के नेता रूपन चंद्राकर ने कहा कि भूपेश सरकार का यह फैसला छलावा है। भाजपा सरकार के समय ही इन मुद्दों पर निर्णय हो चुका था। उनकी मुख्य मांग सहमति के बिंदुओं में शामिल ही नहीं है। इसलिए उनका आंदोलन जारी रहेगा। गुरुवार को किसान बड़ी संख्या में नवा रायपुर के आंदोलन स्थल पर एकत्रित हुए और मांग पत्र सौंपने मंत्रालय की ओर कूच किए, लेकिन पुलिस ने मंत्रालय जाने वाले मार्गों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। किसान अभी भी सड़क पर बैठे हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
सीएम भूपेश को भी बता चुके हैं अपनी समस्या : बता दें कि कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने 20 फरवरी को वन मंत्री मोहम्मद अकबर के साथ मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा की। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नई राजधानी परियोजना के प्रभावित किसानों की मांगों को लेकर संवेदनशील हैं। नई राजधानी परियोजना नवा रायपुर के प्रभावित किसानों की 8 मांगों में से 6 पर सहमति बन गई है। आंदोलनकारियों ने इसे किसानों के साथ छल बताया था। किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा। इससे पहले 3 फरवरी को किसानों ने राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन समय नहीं दिया गया। इसके बाद शाम को एयरपोर्ट पर किसानों ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपनी मांगों से अवगत कराया था।
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर सहित पदाधिकारियों ने किसान नेता राकेश टिकैत से दिल्ली में मुलाकात की थी।  किसानों ने राकेश टिकैत को मांगों से अवगत कराया था, जिसके बाद टिकैत ने आंदोलन को समर्थन देने और राज्य सरकार से बात करने की बात कही थी। रूपन चंद्राकर ने बताया था कि किसान राकेश टिकैत रायपुर आएंगे। किसानों की मांग पूरी होने पर टिकैत सरकार का आभार जताएंगे या फिर मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में आंदोलन को अपना समर्थन देंगे। इसके बाद किसानों का आंदोलन लगातार जारी है।   शासन ने कहा 7 मार्च से पट्टों का होगा वितरण : सरकार के जनसंपर्क ने फिर कहा है कि नवा रायपुर राजधानी परियोजना प्रभावित किसानों को 7 मार्च से पट्टों का वितरण किया जाएगा। वहीं प्रभावित पात्र किसानों को 1200 से 2500 वर्गफीट आवासीय भूमि होगी आबंटित की जाएगी। आगामी निविदाओं में 60% कर्मचारी प्रभावित ग्राम से लेने की शर्त जोड़ी जाएगी। प्रभावित परिवारों को 75% दुकान, गुमटी चबूतरा एवं हॉल का आबंटन लागत मूल्य पर किया जाएगा एवं लेयर-11 के ग्रामों में जमीन की खरीदी-बिक्री के लिए अनुमति मुक्त करने की अनुशंसा की गई है। नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा आदेश जारी भी किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here