हिजाब विवाद की शुरुआत कर्नाटक के उडुपी के एक कॉलेज से हुई। जब कॉलेज में पढ़ने वाली छह छात्राओं को हिजाब पहनकर आने से मना कर दिया गया। छात्राएं कॉलेज प्रशासन के इस फरमान के खिलाफ धरने पर बैठ गई।
द न्यूज 15
नई दिल्ली। कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ हिजाब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस देश में एक दिन हिजाबी प्रधानमंत्री बनेगी। साथ ही उन्होंने योगी आदित्यनाथ के एक बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देश का कोई धर्म नहीं होता है।
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को एक वीडियो ट्वीट किया। जिसमें वो एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि हमारी बच्ची अगर यह फैसला करती हैं कि अब्बा अम्मी मैं हिजाब पहनना चाहती हूं और उनके अब्बा अम्मी भी यह आजादी देते हुए बोलेंगे बेटी पहन, देखता हूं कि तुझे कौन रोकता है। आगे उन्होंने कहा कि हिजाब पहनकर बच्ची कॉलेज भी जाएगी, डॉक्टर भी बनेंगी, कलेक्टर भी बनेंगी, एसडीएम भी बनेंगी और बिजनेस भी करेंगी। एक दिन याद रखना, शायद मैं जिंदा नहीं रहूंगा, देखना एक दिन एक बच्ची हिजाब पहनकर प्रधानमंत्री भी बनेंगी। वहीं ओवैसी ने मीडियाकर्मियों से बात करने के दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर कि देश शरीयत से नहीं बल्कि संविधान से चलेगा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अनेकता में एकता है। अनेकता के मायने यह हैं कि एक साइज़ सभी के लिए उचित नहीं होगा। भारत देश में कई संस्कृति है और आर्टिकल 29 एक मौलिक अधिकार है। जिसमें कहा गया है कि हर व्यक्ति को अपनी संस्कृति का पालन करने का अधिकार है। आप इसका उल्लंघन कैसे कर सकते हैं। यह देश एक राष्ट्र जरुर है लेकिन इसमें कई संस्कृति है।
बता दें कि हिजाब विवाद की शुरुआत कर्नाटक के उडुपी के एक कॉलेज से हुई। जब कॉलेज में पढ़ने वाली छह छात्राओं को हिजाब पहनकर आने से मना कर दिया गया। छात्राएं कॉलेज प्रशासन के इस फरमान के खिलाफ धरने पर बैठ गई। इसके बाद यह विवाद कर्नाटक के दूसरे कई जिलों में फ़ैल गया। कई जगहों पर छात्र छात्राओं के दो गुटों के बीच हिंसक झड़प भी हुई। इतना ही नहीं लड़कियों के हिजाब पहनने के जवाब में कुछ लड़के कॉलेज कैंपस में भगवा शॉल ओढ़कर भी पहुंचे। हिजाब विवाद के कारण कर्नाटक में 11वीं और 12वीं के स्कूल-कॉलेज को 16 फ़रवरी तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। पिछले गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक स्कूल कॉलेज में ड्रेस के अलावा स्कार्फ, हिजाब, धार्मिक झंडे जैसे अन्य कपड़ों और प्रतीकों पर रोक जारी रखने के लिए कहा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई और तुरंत सुनवाई करने की गुजारिश की गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।