किसान नेता का दावा-फिर से शुरू होगा किसान आंदोलन
मोदी सरकार से विश्वासघात का बदला लेंगे किसान
द न्यूज 15
नई दिल्ली। संंयुक्त किसान मोर्चा के नेता और किसान संघर्ष संघर्ष समिति मध्य प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. सुनीलम ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भाजपा का विरोध जताते हुए कहा कि किसान आंदोलन फिर से शुरू होगा। किसान मोदी सरकार और भाजपा को उनके साथ किये गये विश्वासघात का सबक सिखाकर ही रहेंगे। उनका कहना था भाजपा को सबक सिखाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को हराने का काम करेगा। मोदी सरकार लगातार किसानों के साथ मक्कारी कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे ने अपनी गाड़ी से कुलचकर तीन किसानों की हत्या कर दी। यह हत्या उनके बेटे ने उनके उकसावे के दिये गये बयान के बाद ही की है। यह मोदी सरकार की मनमानी ही है कि न तो टेनी को मंत्रिपद से हटाया गया और न ही उनके खिलाफ कोई जांच बैठाई गई।
दरअसल टेनी ने किसानों को सुधर जाओ नहीं तो सुधार दिया जाओगे बयान दिया था। उसके बाद ही उनके बेटे ने यह कृत्य किया। डॉ. सुनीलम ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर अब भी नये कृषि कानूनों को किसानों के हित के बता रहे हैं। फिर से लागू करने की बात कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि चुनाव के बाद भाजपा फिर से किसान कानून देश पर थोप सकती है। संसद में कृषि मंत्री चुनाव के बाद एमएसपी पर काम करने की बात कर रहे हैं पर इन लोगों की नीयत ठीक नहीं है। पूंजीपीतियों की गोद में बैठकर सरकार चलाने वाले भाजपाई किसान और मजदूर का कोई भला नहीं करने वाले हैं। किसानों के साथ ही छोटे व्यापारियों को बर्बाद करने वाली भाजपा पर कोई विश्वास नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा हिन्दू-मुस्लिम कार्ड खेल रही है। अब उत्तर प्रदेश के लोग इनके बहकावे में नहीं आने वाले हैं।
डॉ. सुनीलम ने बजट को भी किसानों के साथ विश्वासघात बताया था और इसका बदला लेने की बात कही थी। डॉ. सुनीलम ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को परेशान करने के लिए ये बजट बनाया है। किसान विधानसभा चुनावों में सरकार से बदला लेंगे। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम बजट से असंतुष्ट नजर आए थे और बजट को किसानों को परेशान करने वाला बताया था। उन्होंने कहा कि बजट को देखते हुए ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने आंदोलन करने वाले किसानों को सबक सिखाने के लिए बजट तैयार कराया है। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री कहते रहे हैं एमएसपी थी ,है और रहेगी लेकिन किसानों को एमएसपी दिलवाने के लिए बनाई गई स्कीम आशा का आवंटन घटाकर पिछले साल 400 करोड़ रुपये किया गया था जो इस बार नाम मात्र के लिए सिर्फ 1 करोड़ रूपये कर दिया गया है।
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुनीलम ने कहा था कि बजट में पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं और चावल की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है जो कि पिछले वर्ष 2.48 लाख करोड़ था एमएसपी के संबंध में भी गलत जानकारी दी गई है। इस साल 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी पर खरीद पिछले साल 2.84 लाख करोड़ रुपये की खरीद से भी कम है। पिछले साल 1286 लाख टन खरीदी हुई थी जबकि इस साल 1208 लाख टन। पिछले साल 1.97 करोड़ किसानों को फायदा हुआ था इस साल सिर्फ 1.63 करोड़ किसानों को फायदा होगा। जबकि महंगाई 40% बढ़ी है। इसके अनुपात में आवंटन बढ़ाया जाना चाहिए था। सरकार ने केवल 4 प्रतिशत वृद्धि की थी। सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 7% कम गेहूं और चावल की खरीद की है और 17% कम किसानों से खरीद की गई है।
डॉ. सुनीलम ने कहा था कि सरकार द्वारा खाद्य सब्सिडी 25% कम कर दी गई है। प्रधानमंत्री किसान योजना के आवंटन में 9% की कमी की गई है। प्रधानमंत्री किसान योजना जब शुरू की गई थी तब कहा गया था कि उसे 12 करोड़ परिवारों से 15 करोड़ परिवारों तक बढ़ाया जाएगा, लेकिन इस दावे के अनुपात में आवंटन नहीं किया गया है। महंगाई बढ़ने के कारण किसान सम्मान निधि का पैसा 15% घट गया है, उसे बढ़ाने के बारे में बजट कुछ नहीं कहा गया है। मनरेगा में पिछले साल 97,034 करोड़ रुपये खर्च हुए थे लेकिन इस साल मात्र 72,034 करोड़ रुपये का बजट है। मनरेगा में राज्यों के पास फंड खत्म हो गया है उसे पूरा करने के बारे में कुछ नहीं बोला। किसान संघर्ष समिति मानती है कि किसान ड्रोन योजना का वही हाल होगा जो कि किसान रेलवे और फसल बीमा का हुआ है। किसान संघर्ष समिति ने कहा कि देश के किसानों के लिए सम्पूर्ण कर्जा मुक्ति सबसे बड़ा सवाल है परंतु सरकार किसानों को अधिक कर्जदार बनाने की नीति पर काम कर रही है।
डॉ सुनीलम ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भी कहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों में उत्तरप्रदेश और 4 राज्यों के किसान भारतीय जनता पार्टी से बजट के माध्यम से किये गए अपमान का बदला लिया जायेगा।