7 फरवरी को संसद का घेराव करेंगे सहारा पीड़ित निवेशक

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सहारा पीड़ित निवेशक
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दिल्ली जंतर-मंतर पर बैठ कर लेंगे पाई-पाई का हिसाब : दिनेश चंद्र दिवाकर
पूरे देश से हजारों निवेशकों के दिल्ली पहुंचने का किया जा रहा है दावा

चरण सिंह राजपूत
नई दिल्ली/पटना/लखनऊ/जयपुर। राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर ने एक बयान जारी कर कहा है कि अब सहारा से भुगतान दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठकर लिया जाएगा। ७ फरवरी को संसद का घेराव किया जाएगा। उनका कहना है कि दिल्ली संसद में बजट सत्र चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के कानों को खोलने के लिए सहारा के पीड़ित निवेशक दिल्ली में अपनी आवाज बुलंद करेंगे। उनका कहना है कि सहारा पर एक लाख २५ हजार की देनदारी है। सहारा के निवेशक, एजेंट और कर्मचारी दर-दर की ठाकरें खा रहे हैं और सहारा मालिकान और प्रबंधन अय्याशी करने में लगे हैं। उनका कहना है कि सहारा में पैसा जमा करने वाले कितने निवेशकों की बेटियों की शादी रुकी पड़ी है। कितने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, कितने लोगों ने आत्महत्या कर ली है पर सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय, ओपी श्रीवास्तव, जेबी राय और स्वप्ना राय पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। दिनेश चंद्र दिवाकर का कहना है कि सहारा की इस ठगी में मोदी सरकार की पूरी शह है। उन्होंने कहा कि सहारा से पैसे लेने के लिए मोदी सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोलना बहुत जरूर है। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव में चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय के छह साल से पैरोल पर  बाहर घुमने के मामले में उन्होंने कानून व्यवस्था पर उंगली उठाई है। दिल्ली जंतर-मंतर पर होने वाले आंदोलन में उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से सहयोग करने की अपील की है।
दरअसल सहारा इंडिया के खिलाफ पीड़ित निवेशकों ने पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है। दिल्ली जंतर-मंतर पर होने वाले आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूरे देश से निवेशक हुंकार भर रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों में सहारा के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किये जा रहे हैं। जहां ३१ जनवरी से सहारा निवेशकों दिल्ली जंतर-मंतर पर संसद सत्याग्रह शुरू कर दिया वहीं राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के बैनर तले पूरे देश से निवेशक जंतर-मंतर पहुंच रहे हैं। सहारा के खिलाफ यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा। इस आंदोलन में हजारों निवेशक के जुटने का दावा किया जा रहा है। दिल्ली से तिजेंद्र सिंह के नेतृत्व में १०००, राजस्थान के विजय वर्मा और मनोज शर्मा के नेतृत्व में १०००, उत्तर प्रदेश के आरिख खान के नेतृत्व में २००० हजार, मध्य प्रदेश के योगेश गोयल के नेतृत्व में ५०० निवेशकों के दिल्ली जंतर-मंतर पर पहुंचने का दावा किया जा रहा है। अशोक शर्मा नाई का दावा है कि कर्पूरी ठाकुर की नीतियों पर चलते हुए वह सहारा पीड़ितों का साथ दे रहे हैं। दिल्ली जंतर मंतर पर सहारा के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी।

राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर का कहना है कि सहारा   मैनेजमेंट विगत 3 साल से पीड़ित निवेशकों को झूठे आश्वासन दे रहा है। अब समय जागने का है।  निवेशकों की लड़ाई लड़ने के लिए आगे आना ही होगा।  खून पसीने की कमाई का पैसा लेने के लिए ज्यादा से ज्यादा कानूनी कार्रवाई करें जो साथी आंदोलन चला रहे हैं उनका सपोर्ट करें।

उधर सहारा कर्मी सहारा और सेबी विवाद को लेकर भी आंदोलन कर रहे हैं।
दिल्ली जंतर मंतर पर होने वाले आंदोलन के लिए उपकार संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी दिल्ली पहुंचने की अपील कर रहे हैं। आयोजकों का कहना है कि आंदोलन में सहारा बिल नामक प्रस्ताव को लागू करने की मांग की जाएगी।

आंदोलन की अगुआई कर रहे निवेशकों का कहना  है कि पैसा न देकर  सहारा अपने खिलाफ नेता पैदा कर रहा है। इन नेताओं का कहना है कि नेता पैदा नहीं होते, वो बनते हैं, वे हर किसी की तरह ही कड़ी मेहनत से बनते है। उनसे यह सीखा जा सकता है कि हमें अपने सपनों को पाने के लिए  मेहनत रूपी कीमत चुकानी ही पड़ेगी।

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