नीतीश के मंत्री के घर भोज से नदारद रहे जेडीयू के 9 विधायक, RJD का ‘खेला’ का पहला सबूत तो नहीं?

Bihar News: बेस्वाद हो गया मंत्री श्रवण कुमार का भोज। लगभग 20 विधायक ही भोजन का स्वाद ले सके। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी भोज में पहुंचे थे, मगर, उन्होंने कुछ खाया नहीं। थोड़ी रहने के बाद वो चले गए। बताया जा रहा है कि आखिर-आखिर तक 9 विधायक भोज में नहीं ही पहुंचे। रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक से पहले इसे काफी अहम माना जा रहा है।

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खेले से बेखबर होकर दिल्ली का दौरा कर आए। ‘हॉर्स पावर’ के भाव के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से मिलते रहे। सच्चाई ये है कि जदयू के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जिस तरह से विपक्ष ने जदयू के 22 विधायकों को साध लेने की बात कही थी, उसमें दम दिखने लगा है।

 

श्रवण कुमार के यहां नहीं आए सभी विधायक

 

शुक्रवार को जदयू के मंत्री श्रवण कुमार ने जो आशंका व्यक्त की थी, उसके सच होने की तस्वीर उनके आवास पर दिखी। मिली जानकारी के अनुसार मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर भोज के बहाने जदयू विधायकों का जुटान किया गया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे। उस वक्त तक लगभग 20 विधायक ही भोजन का स्वाद लेने पहुंचे थे।

 

बिना खाए ही निकल गए सीएम नीतीश

 

सूत्र बता रहे हैं कि नाराज राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना खाए निकल गए। हालांकि, कुछ मिनट वे विधायकों का इंतजार भी किए। उनके जाने के बाद कई और विधायक भी आए। मगर, तब भी 9 विधायक गायब ही रहे।अब तक तो विपक्ष की ओर से दावे ही किए जाते रहे थे, मगर पहली बार श्रवण कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के कारनामों का जिक्र करते कहा कि विधायकों को प्रलोभन देकर खरीदने की कोशिश हो रही है। शनिवार के जुटान में 9 विधायकों के न पहुंचने के बाद मामला काफी गरम हो गया।

 

बिहार में 12 को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट

 

सत्ता पक्ष के द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव पर 12 को वोटिंग होनी है। राजनीति विश्लेषक भी इसे जदयू के लिए अग्नि परीक्षा मान रहे हैं। यही वजह भी थी कि जदयू नेता श्रवण कुमार ने विधायकों की एकजुटता के लिए भोज का आयोजन किया था। मगर, कम विधायकों के आगमन ने जदयू के रणनीतिकारों की चिंता बढ़ा दी है। अब जदयू के रणनीतिकारों की सारी उम्मीद मंत्री विजय चौधरी के यहां रविवार को होने वाली बैठक पर टिक गई है।

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