रामजी कुमार
समस्तीपुर। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में 81 सहायक प्रोफेसरों, 9 एसोसिएट प्रोफेसरों और 2 प्रोफेसरों का चयन किया गया है। चयनित उम्मीदवारों ने विश्वविद्यालय में अपना योगदान देना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक लगभग 50 से अधिक उम्मीदवारों ने योगदान दे दिया है और आने वाले कुछ दिनों में बाकी लोगों के भी योगदान की संभावना है। सहायक प्राध्यापक के चयन के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी दिल्ली के द्वारा लिखित परीक्षा ली गई थी, जिसका भारांक 100 था जबकि विश्वविद्यालय और बाह्य विशेषज्ञों द्वारा साक्षात्कार लिया गया जिसका भारांंक 25 था। चयन के उपरांत उम्मीदवारों के योगदान के लिए चरित्र प्रमाण पत्र और मेडिकल जांच अनिवार्य रूप से कराया जा रहा है जिसमें लगभग दो से तीन दिन का समय लग रहा है। विश्वविद्यालय में लगभग पांच वर्षों के बाद सहायक प्राध्यापको् की नियुक्ति की गई है। नियुक्ति और योगदान की प्रक्रिया काफी गहन और व्यापक है। इससे पहले विश्वविद्यालय सहायक प्राध्यापक की लिखित परीक्षा स्वयं आयोजित करती थी, लेकिन वर्तमान कुलपति ने निर्णय लिया कि लिखित परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी दिल्ली से कराई जाये। विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के पदों पर देश भर के तीस हजार से अधिक लोगों ने अप्लाई किया था, जिसमें से 22 राज्यों के 81 लोगों का चयन किया गया है। चयनित सहायक प्राध्यापकों में से लगभग तीस प्रतिशत बिहार राज्य के हैं। इसके अतिरिक्त नौ एसोसिएट प्रोफेसर और एक प्रोफेसर के पद पर भी उम्मीदवार का चयन किया गया है। नई नियुक्ति विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता की दिशा में एक प्रमुख मील का पत्थर है।
सहायक प्रोफेसरों के लिए चयन प्रक्रिया कड़ी और डेढ़ साल से अधिक समय तक चली, जिसमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा और उसके बाद साक्षात्कार शामिल थे। कुलपति डॉ. पुण्यव्रत सुविमलेंदु पांडेय ने चयन प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि नए संकाय सदस्यों के जुड़ने से शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार होगा और अकादमिक कार्यक्रमों, अनुसंधान पहलों और विस्तार गतिविधियों में ताजगी आएगी। उन्होंने कहा नए सहायक प्राध्यापक विश्वविद्यालय के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देंगे जिससे कृषि और संबद्ध विज्ञान में ज्ञान को आगे बढ़ाने, अगली पीढ़ी के कृषि पेशेवरों को आकार देने और अनुसंधान क्षमता को बढ़ाने में काफी सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा इन नियुक्तियों के साथ, विश्वविद्यालय अपने अकादमिक क्षमता को और मजबूत करने, किसानों के साथ जुड़ाव बढ़ाने और कृषि के क्षेत्र में सार्थक प्रभाव डालने का प्रयास करेगा।
कुलसचिव डॉ मृत्यु्जय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में नई नियुक्ति अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने और कृषि शिक्षा और अनुसंधान में एक अग्रणी संस्थान बनने की दिशा में इसकी व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा इन नई नियुक्तियों से विश्वविद्यालय में नया जोश और नए विचार आएंगे, जो कृषि शिक्षा और अनुसंधान के भविष्य को ऊंचाईयों तक ले जायेंगे। उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ पी एस पांडेय मिशन मोड में विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मुकाम देने के प्रयास में लगे हैं और जल्दी ही यह सपना साकार होगा।