5 वर्षीय उम्मे कुलसूम ने पहला रोजा रखकर पेश की मिसाल

तुरकौलिया: रमज़ान के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ ही पूरे इलाके में इबादत और रोजे का माहौल बना हुआ है। इसी बीच तुरकौलिया पश्चिमी पंचायत के उपमुखिया मुजफ्फर आलम अंसारी की 5 वर्षीय पुत्री उम्मे कुलसूम ने पहला रोजा रखकर मिसाल पेश की है।

इतनी छोटी उम्र में उम्मे कुलसूम ने सुबह सूर्योदय से पहले से लेकर शाम सूर्यास्त तक बिना कुछ खाए-पिए लगभग 13 घंटे का रोजा रखा। आमतौर पर इतनी छोटी उम्र में बच्चे रोजा नहीं रखते, लेकिन उम्मे कुलसूम की यह हिम्मत और श्रद्धा सभी के लिए प्रेरणादायक है।

उनके इस सराहनीय प्रयास पर उनके विद्यालय के साथी नाज आफिया, मंतशा मंसूर, मलाइका मंसूर, रूकैया, सुरैया, सुमैया खातून, इब्राहिम अंसारी और माज़ अहमद ने उन्हें रोजे की मुबारकबाद दी।

रमज़ान का महत्व:

रमज़ान इस्लाम धर्म का पवित्र महीना है, जिसमें मुस्लिम भाई-बहनें रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। रोजे के दौरान सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है। उम्मे कुलसूम की इस नन्ही उम्र में रोजा रखने की लगन लोगों के लिए प्रेरणादायक है।

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